18 साल, 18 साल में धरती सूर्य का 18 बार और चंद्रमा धरती का 241 बार चक्कर काट लेता है, 18 साल में इंसान की हड्डियां लगभग 2 बार रिजनरेट हो जाती है, 18 साल में दुनिया भर में सैकड़ों भाषाएं, हजारों प्रजातियां विलुप्त हो जाती है, सोलर सिस्टम में कितने तारे टूटकर खत्म हो जाते है। 18 साल, 18 साल में पूरी दुनिया उलट पुलट हो जाती है, बदल जाती है, पर पिछले 18 सालों से इस आदमी ने, इसके फैंस ने, तमाम ताने बर्दाश्त किए, कभी चुटकुलों पर गुस्सा किया, तो कभी खुद ही चुटकुले बनाने लगे। कभी रोए, कभी हताश हुए तो कई बार बिखर कर रह गए, पर मजाक बनने के बावजूद भी, इन 18 सालों से इस आदमी, इसके फैंस, और इसकी टीम के फैंस का दिल 56 करोड़ बार धड़का, बस यही आवाज आती रही, RCB, RCB, RCB, और आज जब इसी RCB के नाम के आगे चैंपियंस शब्द जुड़ा है, तो सदियों पुरानी कहावत एक बार और सच साबित हो गई कि वफादारी वाली मुहब्बत में इंतजार तो होता है दोस्त, पर धोखा नहीं होता।

संवाददाता सुशील कुमार

By admin_kamish

बहुआयामी राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष

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