भारतीय किसान संगठन ने पैदल मार्च कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी खीरी को सौंपा
शाबान सिद्दीकी
फरधान खीरी। दिनांक 4/6/025 को संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर भारतीय किसान संगठन ने प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र कुमार “पंकज” के दिशा निर्देशन में लखनऊ मंडल अध्यक्ष सद्दाम रहमानी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को संबोधित सात सूत्री ज्ञापन जिलाधिकारी खीरी को सौंपा इससे पहले बेहजम रोड स्थित प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र कुमार “पंकज” के संपर्क कार्यालय पर एक बैठक हुई। बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र कुमार “पंकज” ने कहा कि 25 नवंबर 2024 को पावर कारपोरेशन ने बिजली विभाग के दक्षिणांचल और पूर्वांचल वितरण नियमों के निजीकरण का फैसला दिया था और राज्य सरकार भी कॉरपोरेशन इस निर्णय पर अपनी सहमत दिखाती नजर आ रही है विधि विभाग के निजीकरण का व्यास राज्य सरकार 2022 के अंत में भी कर चुकी है इसलिए संदेह और ज्यादा बढ़ जाता है हम सब किसान भाई बिजली के निजीकरण का विरोध केंद्र सरकार द्वारा बिजली संशोधन बिल 2020 लाने से ही कर रहे हैं उन्होंने कहा इस कानून की वापसी 13 महीने की दिल्ली सीमाओं पर किसान आंदोलन का मुख्य मुद्दा रहा है। 9 दिसंबर को सरकार ने भी लिखित वादा किया था कि किसानों से वार्ता किए बिना बिजली संशोधन बिल नहीं लाया जाएगा केंद्र सरकार अपने वादे से मुकर गई और लोकसभा में बिजली का संशोधन बिल 2022 पेश किया। अब तमाम राज्य सरकारों की तरह उत्तर प्रदेश सरकार भी चोर रास्ते से सुधार के नाम पर बिजली के निजीकरण का रास्ता बना रही हैं। जब पहले से ही उत्तर प्रदेश की गरीब जनता महंगी बिजली की मार झेल रही हो ऐसे में बिजली की दरों में वृद्धि की जा रही है जो घोर निंदनीय है निजी क्षेत्र में जाने से आम जनजीवन में अंधेरा छा जाएगा लाखों बिजली कर्मी बेघर और बेरोजगार हो जाएंगे पिछले 6 महीने से बिजली कर्मी भी आंदोलन कर रहे हैं। आज बिजली भी रोटी कपड़ा और मकान की तरह आवश्यक जरूर बन गई है। प्रदेश प्रवक्ता मुकेश पांडे ने कहा कि सभी ग्रामीण उपभोक्ताओं को हर महीने 300 यूनिट बिजली फ्री मिलनी चाहिए उत्तर प्रदेश सरकार अपने चुनावी वादे पूरे करे और ट्यूबबेलों को 18 घंटे बिना शर्त बिजली आपूर्ति की जाए प्रदेश सचिव किशन कुमार दीक्षित ने कहा बिजली देश के आम आदमी के जीवन में रोशनी भरने का काम कर रही है किसानों को सिंचाई के लिए फ्री बिजली की जरूरत है गरीबों के लिए घर में रोशनी के लिए फ्री बिजली होनी चाहिए प्रदेश सचिव कामिल उस्मानी ने कहा लघु उद्योग कुटीर उद्योग कृषि आधारित ग्रामीण उद्योग रोजगार सस्ती बिजली देना जनपक्षीय सरकार की जिम्मेदारी है लेकिन घाटे के नाम पर निजी हाथों में सौंपने के लिए मौजूदा उत्तर प्रदेश सरकार और काऑपरेटिव परस्त अधिकारियों की साजिश जारी है।लखनऊ मंडल अध्यक्ष सद्दाम रहमानी ने कहा कि हमारा मत है की एक लाख करोड़ से अधिक के घाटे के लिए निजी कंपनियों से महंगी बिजली खरीदने बड़े रसूखदारों के करोड़ों के बिल का भ्रष्टाचार के रास्ते फिजूल में डालने जैसी सरकार नीतियां दोषी हैं। इस दौरान अंबिका वर्मा टीटू वर्मा देवेंद्र पांडे शैलेश शर्मा सौरव वर्मा घनश्याम यादव मनजीत मौर्य, राम जी वर्मा,नुमान, इकबाल अहमद, मोहम्मद इरफान गाज़ी, बब्बन तिवारी, मीडिया प्रभारी इरफान गाजी सुनील सचिन वर्मा, मनीष मौर्य, मोहित पांडे, अभिषेक पांडे, हिमांशु पांडे, राजन निषाद, अभिषेक राज, राजवीर सिंह, विमलेश सिंह, राज रतन सिंह, राजू विश्वकर्मा, मुकेश कुमार, संदीप, विनीत कुमार, मुकेश कश्यप, छुटकन राज आदि भारी संख्या में संगठन के कार्यकर्ता और किसान मौजूद रहे।

