बकरीद की कुर्बानी से किसी को भी ठेस ना पहुँचे बहुआयामी संस्था/ बहुआयामी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव इंजी• इश्तियाक अली ने बताया कि ईद-उल-अजहा मुसलमानों का एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हमें अल्लाह के दो पैग़म्बरों हज़रत इब्राहीम (अलैह सलाम) और हज़रत इस्माईल (अलैह सलाम) की याद दिलाता है। और हमें इस जानिब ध्यान दिलाता है कि अल्लाह की रज़ा की खातिर हर तरह की कुरबानी के लिए तैयार रहें और अक़ीदा-ए-तौहीद पर साबित क़दम रहें। इस अवसर पर जानवरों की कुरबानी भी की जाती है। शरीयत का यह हुक्म मालदार मुसलमानों से मुताल्लिक है और दुनिया के दूसरे धर्मों में भी इसका तसव्वुर मौजूद है, लेकिन कुरबानी करते हुए यह बात ज़रूरी है कि हम कोई ऐसा अमल न करें जो दूसरे भाईयों के लिए दिल दुखाने का कारण बने, शान्ति को नुक़सान पहुंचे, गन्दगी फैले, बदबू पैदा हो। जानवर का बदबूदार हिस्सा रास्ते में और आबादियों के अन्दर नही फेंकना है। ये सारी बातें शरीयत, अखलाक और कानून के भी खिलाफ़ हैं। और सेहत की हिफ़ाज़त और समाज को बीमारियों से बचाना हम सभी की जिम्मेदारी है। इसलिए सरकार ने गन्दगियों के फेंकने की जो जगह तय की है, उनको वहीं फेंकना चाहिए, सफ़ाई और भाईचारे की बरक़रारी का ख्याल रखना होगा।
