विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बहुआयामी शिक्षा तकनीकी अनुसंधान ऑर्गनाइजेशन व बहुआयमी राजनीतिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान के एम आमिश जी से किए गए वार्तालाप के अनुसार आपत्ति जताई गई है कि काकोरी शहीद स्मारक में लगाए गए समस्त क्रांतिकारियों के स्टेचू को काले रंग से पोता गया है जो कि उनको अपमानित करने का कार्य है ठीक इसी प्रकार से आजाद भारत में आज भी काकोरी जैसी घटना जो भारतीय खजाने को भारत में ही भारत को आजाद कराने में खर्च किया गया और उसको एक कांड शब्द कहकर पुकारा जा रहा है क्रांतिकारियों को अपमानित करने का काम किया जा रहा है भारतीय खजाने को भारत में ही लूट कर भारत में ही खर्च करना कांड व गैर कानूनी कैसे हो सकता है साथ ही साथ यह भी बताया कि उनका हरदोई रोड दुबग्गा काकोरी स्मृति उद्यान में भी जाना हुआ ऐसे में पता चला है कि प्रवेश शुल्क के नाम पर शुल्क लिया जा रहा है ऐसे में जो युवा साथी श्रद्धांजलि देने के लिए जा रहे हो उनका क्रांतिकारियों के प्रति दिन पर दिन स्नेह गिरता जा रहा है सरकार को चाहिए कि वह बिजनेस धंधे करने का लेवल की रेखा खींचे क्रांतिकारियों के नाम से किसी भी प्रकार का कोई भी बिजनेस या धंधा नहीं किया जा सकता या समाज को बुराई की तरफ ले जा रहा है युवाओं की सोच पर एक बड़ा प्रश्न खड़ा कर रहा है यह चिंता का विषय बनता जा रहा है साथ ही साथ यह भी बतलाया कि काकोरी शहीद स्मारक में रेलवे घटना को पार्क के बाहर कर दिया गया है असल में आने वाले क्रांतिकारी प्रेमी उस ट्रैक को ही देखने जाते हैं या तो रेलवे ट्रैक को सरकार पार्क के अंदर ले या रेलवे ट्रैक के दूसरी और भी पार्क स्थापित करें और घटनास्थल पर ही क्रांतिकारियों की झांकी स्थापित करें और अधिक से अधिक क्रांतिकारियों के बारे में लेख लिखकर प्रकाशित किया जाए और रेलवे यातायात के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए और रेल पार्क से होती हुई गुजारी जाए अध्यक्ष जी ने कहा कि संस्था व पार्टी जल्द ही शासन-प्रशासन को इस हेतु ज्ञापन प्रेषित करेगी और साथ ही साथ जवाब भी मांगेगी यदि कार्यवाही पूरी ना हुई तो युवाओं के अंदर एक विशेष जोश कायम करके भविष्य में एक विशाल धरना प्रदर्शन आंदोलन का भी आयोजन करेगी।
क्रांतिकारियों का अपमान कदापि बर्दाश्त नहीं करेगी।