धर्मेन्द्र कसौधन(ब्यूरो):बुलंदशहर के औरंगाबाद क्षेत्र में बीते दिनों एक नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई, जिसके बाद उसकी मृत्यु भी हो गई। इस मामले पर दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजा।
उन्होंने 13 साल की लड़की के सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
DCW ने लिखा योगी को पत्र
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने पत्र में लिखा है कि पीड़ित परिवार के सदस्य उनसे मिले और पूरी घटना की जानकारी दी। आरोपितों के विरुद्ध शिकायत के बाद भी पीड़िता के ही चरित्र पर प्रश्न खड़े कर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। स्वाती मालीवाल ने सीएम योगी से घटना पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया है।
मृतक नाबालिग की माँ ने बताई बेटी के साथ हुई दास्तां
बच्ची की मां ने घटना को लेकर दिल्ली महिला आयोग में शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायतकर्ता (मृतका की मां) ने आयोग को बताया कि बीती 12 मई की शाम वह अपनी दो नाबालिग बेटियों को घर पर छोड़कर बाहर गई थी। उन्होंने बताया कि कुछ देर बाद जब वह लौटी तो उन्होंने देखा कि उनके पड़ोसी की बेटी अपने दो फुफेरे भाइयों के साथ शिकायतकर्ता के घर से भाग रही थी। जब वह अपने घर पहुंची तो उन्होंने देखा कि उनकी बेटी बेहोशी की हालत में गंभीर रूप से घायल फर्श पर पड़ी हुई थी।
बेटी ने माँ से बताई थी वारदात
पीड़िता की मां ने यह भी कहा कि उनकी बेटी ने बताया कि लड़कों ने उसके साथ बेरहमी से दुष्कर्म किया और उसे पीटा। शिकायतकर्ता तुरंत अपनी बेटी को बुलंदशहर के नजदीकी अस्पताल ले गई और अगली सुबह लड़की की हालत गंभीर होने पर उसे दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया गया। हमले के करीब चार घंटे बाद ही बच्ची कोमा में चली गई, उसके बाद उसको वेंटिलेटर पर रखा गया था। चार दिन बाद यानी 16 मई को उसे मेरठ के एक अस्पताल में रेफर किया गया, जहां दो दिन बाद यानी 18 मई को उसकी मौत हो गई।
अभी तक दर्ज नही FIR
पीड़िता के माता-पिता ने बताया कि कि मामले में अभी तक एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई है। आरोप लगाया कि उन्होंने 18 मई को बुलंदशहर जिले के औरंगाबाद थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने उस पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। 19 मई को बेटी के शव का पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार किया गया। परिवार ने 23 मई को फिर से स्थानीय पुलिस स्टेशन में एफआईआर की कापी के बारे में पूछताछ की। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिल जाती, तब तक एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी।