हरदोई………..इस बार किसानों को मानसून ने निराश किया है। बारिश न होने से खरीफ फसलों की बुआई व रोपाई पिछड़ गई है। सिंचाई के लिए किसानों को अपनी गाढ़ी कमाई खर्च करनी पड़ रही है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि पानी की कमी से फसलों की गुणवत्ता के साथ उत्पादन पर भी असर पड़ेगा।30 जून को 138 मिमी बारिश हुई थी।
इससे किसानों को अच्छी बारिश की उम्मीद थी लेकिन इसके बाद अब तक सिर्फ 13 मिमी पानी बरसा है। इससे जिले में खरीफ फसलों के लिए निर्धारित लक्ष्य 2,61,567 हेक्टेयर के सापेक्ष जून में करीब 12 प्रतिशत क्षेत्रफल में ही बोआई और रोपाई हो पाई थी। पांच जुलाई तक लक्ष्य के सापेक्ष करीब 40 फीसदी बुआई व रोपाई हुई। जबकि खरीफ फसलों के आदर्श समय के अनुसार 15 जून से 5 जुलाई के बीच 60 फीसदी बुआई व रोपाई हो जानी चाहिए। मानसून की सुस्ती से 20 फीसदी लक्ष्य पीछे हो गया।बेहंदर, सांडी, हरपालपुर, बिलग्राम क्षेत्र के किसान रामदास, सर्वेश, सुरेश यादव, रामचंदर, कल्लू ने बताया कि इस बार पानी की समस्या के कारण बुआई पर असर पड़ा है। क्षेत्र में अभी 50 प्रतिशत किसान धान की रोपाई नहीं कर पाए हैं। अन्य फसलों के लिए भी पानी की कमी खल रही है। निजी नलकूपों और पंपिंग सेट से पानी की व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है, क्योंकि अधिकांश क्षेत्रों में खेतों में तरी करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं।बारिश न होने का सबसे ज्यादा असर धान की रोपाई पर पड़ा है। 20 फीसदी से अधिक बुआई-रोपाई पिछड़ चुकी है। ऐसे में किसानों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। जहां नहरें एवं राजकीय नलकूप नहीं हैं, वहां सिंचाई के लिए ज्यादा मशक्कत करनी पड़ रही है।
रिपोर्ट पुनीत शुक्ला