सहसवान/बदायूं : 18 दिसम्बर अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के मौक़े पर समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के नि॰ राष्ट्रीय सचिव व पूर्व जिला पंचायत सदस्य हाफ़िज़ इरफान ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम, सिख,ईसाई,जैन, बौद्ध, पारसी) अपने कर गंभीर मुद्दों के लिए जद्दोजहद कर रहा है शिक्षा, रोज़गार, चिकित्सा जैसे मौलिक अधिकारों के लिए भी संघर्ष कर रहा है अल्पसंख्यकों के पिछड़े पन के लिए कहीं न कहीं अब तक की हुकूमतें जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि जब संविधान ने अल्पसंख्यकों को अधिकार दीए हैं तो सरकार को चाहिए कि समस्याओं का संज्ञान लेकर अल्पसंख्यकों के अधिकार सुनिश्चित करे, अभी संसद के शीत सत्र में सरकार ने अल्पसंख्यक शोध छात्रों को मिलने वाली MANF (मौलाना आज़ाद नेशनल फैलोशिप) बंद कर दी है, जिस से हजारों शोध छात्रों का भविष्य अंधकार में है, हमारी सरकार से मांग है कि तत्काल प्रभाव से दोबारा इसको जारी करे ।अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली स्कालरशिप को सुनिश्चित किया जाए। अल्पसंख्यकों के लिए योजना बनाकर रोज़गार सुनिश्चित किया जाए, अल्पसंख्यक आबादियों में नये अस्पताल, स्कूल स्थापित किए जाएं और अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों को सुनिश्चित करे। ताकि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी मुख्य धारा में जुड़ें और देश की उन्नति में भागीदार बन कर भारत का नाम रौशन करें।
✍️ ब्यूरो रिपोर्ट आलोक मालपाणी (बरेली मंडल) 9058426315