तुलसी एक औरत थी,
पवित्रता नारी की मूरत थी,
तप का था उसे इतना ज्ञान,
भगवान को देना पड़ा वरदान,
घर – घर पूजी जाती है,
बिना तुलसी कोई पूजा होती है ।

बहुआयामी समाचार की ओर से सभी पाठकों को तुलसी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

✍️ ब्यूरो रिपोर्ट आलोक मालपाणी (बरेली मंडल)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed