- भारत में सदियों से आदिवासियों, मूलनिवासीयो, मुशहर, भूमिहारों आदि विभिन्न जातियों के लोगों के पास आधार कार्ड तो दूर की बात उनके हाथ छुआ पानी अभी तक नहीं पीते हैं लोग?
- बिहार ,उतर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान ऐसे तमाम राज्य जहां पर अभी तक अत्याचार बलात्कार जैसी घटनाएं सामने आती रहती है?
- आदिवासियों का पलायन उनकी भूमि छीनी जा रही है? उनको नक्सलवादी बोलकर सोचने का विषय है ?
- यह सोचने का विषय है कि आदिवासियों के पास बंदूक गोली उनके पास आता कहां से है उनके पास इतना पैसा तो नहीं जब वह खाने की वस्तुएं नहीं खरीद सकते तो गोली बारूद कहां से करी देंगे?
- नेताओं और भ्रष्टाचारियों की कारण उनको उनकी मूल समस्याओं और आदिवासियों का हक मारा जा रहा है?
6.एक बात तो साफ है बाबासाहेब अंबेडकर जी ने कहा था कि मैं हिंदू पैदा हुआ हूं पर हिंदू मरूंगा नहीं बड़ी सोच समझकर कहीं गई थी यह बात इसलिए SC ST OBC - यह लोग चाहे जितना गंगा स्नान कर ले कभी हिंदू नहीं बन सकते ?
रहेंगे यह शुद्र ही ? - आज 2022 में भी भारत में विभिन्न राज्यों विभिन्न इलाकों में छोटी जाति के लोगों के साथ भेदभाव छुआछूत चरम सीमा पर है।
- राजस्थान में एक आईपीएस अपने शादी में घुड़चढ़ी के दौरान 80 -100 पुलिस वालों को बुलाना पड़ा ताकि घुड़चढ़ी हो सके?
- MP राज्य के दमोह में एक मूलनिवासी ( दलित ) समाज के बच्चों को पानी बर्तन छूने पर मनु वादियों ने उन्हें मारा-पीटा गया?
- जमीनी स्तर की सच्चाई यही है। मंत्रालय में बैठकर हमारे नेता और अगड़ी जाति के नेता एसी(AC) में बैठ कर आप को नकली सर्वे दिखा देते हैं? और उसी को सब सत्य के मान लेते हैं?
- जिन sc.st.obc को कश्मीर मूवी देख कर पीड़ा उत्पन्न हो रही है उन्हें इतिहास के पन्ने खंगाल कर देखना चाहिए पढ़ना चाहिए अपने तमाम महापुरुषों को उनके जीवन संघर्ष तब जाकर आपको बात आ रही है?
- बहुजन समाज पर आधारित 20 फिल्में बनाई गई है मजाल है कि बड़े पर्दे पर चले। 2000 स्क्रीनिंग तो छोड़ दीजिए 200 स्क्रीनिंग भी नहीं हो पाती बड़े पर्दे पर टैक्स फ्री की तो बात दूर की हैं थिएटरों में तो कभी लगी ही नहीं?
- इसलिए कि भारतीय मूलनिवासी 85% उन फिल्मों पर देखकर उन्हें अपना इतिहास ना पता चल जाए तभी तो
दलित मूल निवासियों पर बनी फ़िल्में बड़े स्तर पर दिखाई नहीं जाती?
फिल्में जैसे 1. बाबासाहेब आंबेडकर जी-2000 मैं फिल्म बनी थी
- तथागत बुद्ध
- शूद्र द राइजिंग
- तीसरी आजादी
- जय भीम
20 से ज्यादा फिल्में आज तक बड़े पर्दे पर नहीं दिखाई गई आखिर क्यों फिल्म बॉलीवुड वाले जो बनाते हैं उनकी घटिया मानसिकता दर्शाता है हीरो से लेकर हीरोइन का के नाम अगड़ी जाति के लोगों का ही रखा जाता है?
मेरे भारत के इतिहास के पन्नों में दफन उन फिल्मों का बनाने का शौक है तो ऐसी फिल्में बनाएं जिनसे समाज में प्यार और एक दूसरे के प्रति मानव भावना उत्पन्न है भारत के लोगों के प्रति एक दूसरे को जाति संप्रदाय के प्रति नफरत भर कर क्या साबित करना चाहते हैं
भारत को आजाद कराने में सभी भारत वासियों को बलिदान , शहादत यातनाएं ,खून शामिल है किसी के बाप का भारत थोड़ी है शहादते सभी ने दी है तब जाकर भारत आजाद हुआ है
भारत आजाद नहीं हुआ था तब भी और हो जाने के बाद भी 75 सालों के बाद भी भारत में गरीब तो वही का वही है?
सारे संसाधन किसके पास है?
जिस भारत देश भूखमरी मे-94 नंबर पर है पाकिस्तान बांग्लादेश नेपाल से भी पीछे ऐसा क्यों? 2020 के आंकड़े के अनुसार?
वैश्विक गरीबी सूची में भारत पहली स्थान पर है?
और भी तमाम भारत की मूल समस्या हैं जिनके बारे में कभी कोई आवाज नहीं उठाई और ना ही फिल्म बनी?
आज हम सभी बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जी के ऋणी है🙏🙏 उन्होंने भारत का सविधान लिखकर एक धागे में हम सभी को एक साथ पिरो दिया और हम सभी को अधिकार, बोलने की आजादी, समानता, शिक्षा, बंधुता की आजादी दी तब जाकर आप आज बड़े बड़े पदाधिकारी बन कर बैठे हो और बातें आ रही है
उन्होंने हमारे हक अधिकारी के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया और तब तो आपकी आहा और आंसुओं नहीं निकलते?
बाबासाहेब आंबेडकर जी, रामा पेरियार स्वामी, ज्योतिबा फुले जी सावित्रीबाई फुले काशीराम जी नहीं होते तो आप लोग वह काम करते जो मनु स्मृति में लिखा गया है तब यह बात नहीं आती
और कुछ घटिया किस्म के लोग जिनका काम है मुसलमानों से नफरत करते है द्वेष करते है और उनको नकली हिंदुत्व का एजेंडा में बहला कर रखें ? उनसे मैं पूछना चाहता हूं कि कौन से वाली नफरत करते हो आप लोग स्वार्थ धारण करने वाली मौकापरस्त वाली सोच है आप सभी की जैसा कि बीजेपी के नेताओं ने किया #मुरली मनोहर जोशी हो चाहे,
कट्टर हिंदूवादी प्रवीण तोगड़िया, लालकृष्ण आडवाणी, सचिन पायलट आदि तमाम ऐसे कट्टर हिंदूवादी ब्राह्मण जिनकी पत्नियां मुस्लिम घरानों में से ब्याही गई (निगाह ) किया गया है?
जब कश्मीरी पंडितों को मारा जा रहा था उस समय सरकार किसकी थी कौन गठबंधन के साथ चला रहा था 1990 हमारे पास आर्मी थी उसके बावजूद भी किसने यह खूनी खेल चलने दिया?
19 जनवरी 1990 को जम्मू और कश्मीर 4 लाख से अधिक लोगों को उनके घर से भगाया जा रहा था। उस समय केंद्र सरकार #विश्वनाथ प्रताप सिंह जी की भारतीय जनता पार्टी और वामपंथी दलों की मदद से गठबंधन की सरकार चल रही थी?
1990 में कश्मीर के राज्यपाल जगनमोहन मल्होत्रा उन्होंने क्यों नहीं कुछ किया?
कश्मीरी पंडितों के पलायन के समय केंद्र में वीपी सिंह की सरकार और भाजपा ने उसके समर्थन दिया हुआ था 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के हारने के बाद कम्युनिस्ट पार्टी और बीजेपी के समर्थन से
वीपी सिंह पीएम बने थे
क्यों नहीं सरकार गिरा दी?
पीवी सिंह के सरकार दिसंबर 1989 सत्ता में आई अगले महीने जनवरी 1990 में कश्मीरी पंडितो का पलायन शुरू हो गया ऐसा क्यों?
2002 के दंगे गुजरात हो चाहे 2020 दिल्ली के दंगे बीजेपी की सरकार में ही क्यों होता है?
इस पर गहन चिंतन का विषय है इसलिए भी मौजूदा समय में कश्मीरी पंडितों पर जो फिल्म मैं दृश्य दिखाए गए हैं इन देशों को देखकर सभी भारत वासियों को एक दूसरे के मन में घृणा और द्वेष नफरत पैदा होगी जोकि बड़ी अनहोनी का संकेत दे सकती है इसलिए मैं बार-बार कहता हूं SC ST OBC minority के लोगों को बड़ा संयम रखने की जरूरत है भारत का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है यह फिल्म देखकर अपनी बुद्धि तर्क से संयम बनाकर रखें और सवाल करें खुद से चीजों की जरूरत है आज मौजूदा भारत में
क्योंकि ऐसे भारत का सपना हमने कभी नहीं देखा जिसमें एक दूसरे के प्रति घृणा द्वेष नफरत हो वह देश नहीं होगा फिर इस फिल्म के द्वारा लंबी दीवारें खींच दी जाएंगे जोकि बहुत गलत होगा?
हम सभी भारतीय एक हैं एक थे और एक ही रहेंगे इसलिए हम सभी को एक मंच पर आना पड़ेगा
मेरे विचार आपको कैसे लगे अपनी प्रतिक्रिया जरूर जाहिर करें गलत या सही अपनी प्रतिक्रिया दें
सोशल एक्टिविस्ट
धर्मेंद्र कुमार कनौजिया