🔵डकैत नज्जू जो कभी कटरी किंग के नाम से था फेमस सजा काटने के बाद बदल दी जिंदगी।
शाहजहांपुर : शाहजहाँपुर के थाना परौर क्षेत्र के गांव मंझा निवासी डकैत नज्जू 22 वर्ष बाद जेल से रिहा होने के बाद विधायक वीर विक्रम सिंह के साथ मंदिर पहुंचा। कभी बीहड़ों में जिसकी धाक थी दर्जनों से ज्यादा हत्याएं करने वाले दस्यु सरगना डकैत कल्लू यादव का राइट हैंड डाकू नज्जू रिहा हो गया है। उसने 22 साल जेल काटी। लूट, हत्या, डकैती जैसे परौर थाने पर 16 मुकदमे दर्ज है। इसके बाद कई अन्य जनपदों में भी दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं क्योंकि कल्लू नज्जू का गिरोह बदायूं फर्रुखाबाद जनपद के क्राइम में संलिप्त रहता था। सलाखों के पीछे रहते रहते ईश्वर की भक्ति करने की दिल में चेष्टा जागी। सजा काटने के साथ नज्जू अपनी जिंदगी के आखिरी दिन गिन रहा था, कि वह दिन कौन सा होगा। लेकिन हाईकोर्ट के एक आदेश ने उसे फिर से जिंदा कर दिया।
बताया जा रहा है कि कल्लू की मुखबिरी खास नज्जू के पास रहती थी। अपने हंसते-खेलते परिवार को छोड़कर नज्जू बागी बन गया। उसकी इसी बात से खुश होकर कल्लू ने उसे गैंग की बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी थी । गिरोह के बड़े फैसले लेने से पहले कल्लू और नज्जू गुप्त मीटिंग करते थे। गैंग के सभी सदस्यों के रिकॉर्ड के साथ मुखबिरों की हर जानकारी नज्जू के पास रहती थी।
बाबा ब्रह्मदेव के स्थान पर विधायक वीर विक्रम प्रिंस के साथ परौर पहुंचे दस्यु सरगना नज्जू उर्फ राजेंद्र को देखने के लिए बाबा ब्रह्म देव स्थान पर सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई। 22 साल की सजा काटने के बाद दस्यु सरगना नज्जू उर्फ राजेंद्र अपने थाना परौर बाबा ब्रह्मदेव स्थान पर आए जहां उन्होंने अपनी जिंदगी को नया रूप देते हुए 1 कुंटल 11 किलो का घंटा चढ़ाया। उन्होंने लोगों को वचन देते हुए कहा कि जो मैंने पूर्व में अपराध किए हैं उन सभी अपराधों को माफ करना. इस क्षेत्र के लोगों के लिए हमेशा राहत दी है. चाहे वह दौर कैसा भी क्यों ना हो. आज मैं अपने आप में बदलाव कर एक नई जिंदगी जीने जा रहा हूं।