बिसौली/बदायूं : जगद्गुरु स्वामी रामचंद्राचार्य महाराज ने अग्रवाल धर्मशाला में आयोजित भागवत कथा के आठवें दिन गोवर्धन लीला के साथ भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का प्रसंग सुनाया। कथा श्रवण कर रहे श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गिरिराज पर्वत पूजा, पूतना वध के साथ माखनचोरी, कालिया नाग की लीलाओं का वर्णन सुनकर मंत्रमुग्ध हो गए। स्वामी जी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं से जहां कंस के भेजे विभिन्न राक्षसों का संहार किया, वहीं ब्रज के लोगों को आनंद प्रदान किया। कथा के दौरान भगवान गिरिराज पर्वत को उठाते हुए सुंदर झांकी सजाई गई। इस दौरान भजनों पर श्रद्धालु देर तक झूमते रहे। प्रसंग में बताया गया कि इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति पर घमंड हो गया था। उसका गर्व दूर करने के लिए भगवान ने ब्रज मंडल में इंद्र की पूजा बंद कर गोवर्धन की पूजा शुरू करा दी।
इससे गुस्साए इंद्र ने ब्रजमंडल पर भारी बरसात कराई। प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान ने कनिष्ठा अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ। महाराज जी ने कहा कि क्रोध की अग्नि से बचने का एकमात्र उपाय मौन धारण कर प्रभु स्मरण है। कथास्थल पर गोवर्धन लीला की झांकी भी सजाई गई। कथा के दौरान गोवर्धन पूजन का उत्सव उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर कृष्णकांत अग्रवाल, विष्णुकांत अग्रवाल, रविप्रकाश अग्रवाल, सुरेश अग्रवाल, विपिन अग्रवाल, मनोज यादव, कन्हई लाल गर्ग, अशोक अग्रवाल, डा. प्रवीन शर्मा, आशा देवी, योगेश भारद्धाज, अमित अग्रवाल, रूपाली अग्रवाल, प्रवीन अग्रवाल, सरिता, विमला, मंजू कथूरिया, मोहन लाल मौर्या आदि उपस्थित रहे।
✍️ रिपोर्ट : आई एम खान संवाददाता बिसौली