विषय-
भारत के उद्योगपति दिन प्रतिदिन भारत की नागरिकता छोड़ते जा रहे हैं|
क्या कारण है कि भारतवासी भारत की नागरिकता छोड़कर विदेशों की नागरिकता ले रहे हैं?
जैसा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री #नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि पिछले 5 सालों में 6 लाख से ज्यादा भारतीयों ने नागरिकता छोड़ दी?
लोकसभा में गृह मंत्रालय की ओर से दिए गए जवाब में 2015-2019 तक 676074 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी आखिर क्यों?
- मौजूदा समय में हर दिन 300 लोग भारत की नागरिकता छोड़ रहे हैं?
- क्या भारत में उनको सुरक्षा की कमी है?
- क्या गुंडे माफिया डर का कारण है?
- क्या बढ़ती अव्यवस्था डर का कारण है?
- क्या घटिया अर्थव्यवस्था कारण है ?
भारत सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे भारत के उद्योगपति भारत छोड़कर ना जाएं?
- क्या कारण है की भारत के धनी व्यक्ति जो सच्चे ईमानदार देशभक्त उद्योगपति हैं उन्हें भारत छोड़कर विदेशों में बसने की होड़ सी लगी है। आखिर क्यों यह सवाल दिन-पर-दिन गंभीर होता जा रहा है?
ब्रिटेन स्थित अंतर्राष्ट्रीय कंपनी #हेनरी एंड पार्टनर्स जो कि एक सरकारी संस्था है लोगों को दूसरे देश की नागरिकता वीजा दिलाने में मदद करती है।
ताकि निवेश के जरिए वे वहां विदेशों में जाकर बस सके| किसी देश की नागरिकता चाहने वालों में भारतीयों की संख्या में बड़ी तेजी से इजाफा हुआ है|
*हेनली ग्लोबल सिटीजन रिपोर्ट के मुताबिक नागरिकता नियमों के बारे में पूछताछ करने वाले 2020 के मुकाबले 2021 में भारतीयों की संख्या 54% बढ़ी है?
भारत सरकार के आंकड़े के अनुसार 2016-2021 के बीच 8 लाख से ज्यादा भारतीय अपनी नागरिकता त्याग कर विदेशी नागरिकता अपना चुके हैं।
एक बात बड़ी महत्वपूर्ण है की 23000 अरबपतियों ने भारत छोड़ा और विदेशों की नागरिकता अपनाई।
- अकेले 2017 में 7000 से अधिक अरबपतियों ने भारत देश को छोड़ा|
क्या कोई गंभीर परिस्थिति उत्पन्न होने वाली है,जिसे इन उद्योगपतियों ने भाप लिया है?इस बात को सभी भारतवासियों को बारीकी से समझना चाहिए।
भारत वासियों की पसंदीदा नागरिकता
- अमेरिका – 2021 के पहले 9 महीनों के अंदर ही 50,000 से ज्यादा भारतीयों ने अमेरिका की नागरिकता ली|
2.कनाडा-2017 -2021 में 91000 भारतीयों ने कनाडा की नागरिकता ली| - ऑस्ट्रेलिया- 86933 भारतीयों ने ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता ली|
- इंग्लैंड-66193 भारतीयों ने इंग्लैंड की नागरिकता ली|
हैंडली एंड के अधिकारी डामिंनिक वोलेक कहते हैं कि सबसे ज्यादा पूछताछ दुनिया के दक्षिणी हिस्सों के देशों के लिए कि गई है। इस बार यह संभावना 2022 में अधिक हो सकती है।
मेरे हिसाब से यह आने वाले समय के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं |यह चिंतन करने का विषय है।
आगाह (चेतावनी)
१. भारत देश में अधिक उद्योगपति जब बाहर अपनी कंपनियों को यहां से वहां स्थापित कर लेंगे तो बेरोजगारी,भुखमरी,अशिक्षा और स्वास्थ्य संसाधनों इत्यादि की कमियां सामने आएंगी,इस बात से भारतवासी बेखबर हैं |आने वाले 10-15 सालों में अपने पड़ोसी मुल्क से भी कहीं हम पीछे तो ना हो जाए, यह चिंता का विषय है?
सुझाव
मेरे भारत के उद्योगपतियों से मैं आग्रह करता हूं कि आप लोग भारत देश छोड़कर ना जाएं यह हम सबका भारत है|मुझे पता है यह आप लोगों का निजी मामला है,आप लोग स्वतंत्र हैं ,आप लोग स्वतंत्र हैं कहीं भी जाने के लिए, कहीं भी बसने के लिए। आप लोग आज अरबपति बने हैं जोकि भारत की देन है, इस बात को आप लोगों को समझना चाहिए| अपने देश को छोड़कर कोई कैसे जा सकता है। आपके निजी स्वार्थ क्या देश से ज्यादा बड़े हैं या देश की समस्या से ज्यादा बड़े हैं।
अगर अव्यवस्थाएं है तो आप लोग सभी एकजुट होकर इस समस्या का निवारण करें।
आप लोग को सोचना चाहिए कि अगर यही अव्यवस्थाएं वहां पर हो जाएं, जहां आप बसने वाले हैं तो फिर कहां कहां से छोड़कर जाएंगे। मेरा सिर्फ तर्क है।
आप लोग फिर से मिलकर भारत को सोने की चिड़िया बना दें।
क्योंकि जो सम्मान प्यार गर्व भारतवासी होने का महसूस होता है। एक सच्चा भारतीय नागरिक ही समझ सकता है।
अगर भारत देश कठिन परिस्थिति में आने वाला है तो कठिन परिस्थितियों में अपनों का साथ नहीं छोड़ा जाता।
बहुआयामी राजनीतिक पार्टी राज्य प्रवक्ता
धर्मेंद्र कुमार कनौजिया
9582448403