लखनऊ : आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले बच्चों को पका हुआ गर्म भोजन मिलने के लिए अभी और इंतजार करना होगा। नवरात्र से बच्चों को गर्म भोजन परोसने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश को बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग पूरा नहीं कर सका है। अब 15 नवंबर के आस-पास ही यह योजना शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।

सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले तीन से छह वर्ष के बच्चों को बेसिक स्कूलों की तर्ज पर गर्म खाना परोसने का निर्णय लिया है। वर्ष 2016 से बंद चल रही इस योजना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फिर से शुरू करवाया है। सरकार ने को- लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों तथा नान को – लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए अलग-अलग व्यवस्था बनाई है। को- लोकेटेड आंगनबाड़ी, ऐसे केंद्र हैं, जो ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रांगण में या फिर उनसे 200 मीटर की दूरी पर हैं। प्रदेश में ऐसे आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 1.21 लाख है।

नान लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे हैं, जो प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों में संचालित नहीं हो रहे हैं। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में इन आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या लगभग 67,148 है। को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के लिए प्राथमिक विद्यालयों में उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग किया जाएगा। पीएम पोषण (एमडीएम) की तरह ही आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भी भोजन बनेगा। नान को लोकेटेड  आंगनबाड़ी केंद्रों में भोजन परोसने तथा बच्चों के खाना खाने के लिए बर्तनों की व्यवस्था संबंधित ग्राम सभा या नगरीय निकाय करेंगे।

बच्चों के पोषण से जुड़ी इस महत्वपूर्ण योजना को मुख्यमंत्री नवरात्र से ही शुरू करना चाहते थे, यही कारण है कि 10 अक्टूबर को कैबिनेट मीटिंग से इस योजना को पास कराने के बाद उसी दिन शाम को योजना की तैयारियों की बैठक की थी। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद विभाग इसे नवरात्र बीतने के बाद भी अभी तक शुरू नहीं कर सका है।

विभाग निदेशक ने क्या कहा

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की निदेशक सरनीत कौर ब्रोका कहती हैं कि इस योजना को शुरू करने के लिए कई दूसरे विभागों की भी मदद ली जा रही है, इसलिए इसमें समय लग रहा | नवंबर में यह योजना शुरू हो जाएगी, तारीख मुख्यमंत्री से समय मिलने के बाद तय होगी।

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