मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को जनपद श्रावस्ती से ’स्कूल चलो अभियान’ की शुरुआत कर दी है। इस दौरान उन्होंने हर विधायक को एक स्कूल गोद लेने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि सभी अपने स्तर से बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित करें। साक्षरता बढ़ाने पर सरकार का पूरा जोर है। यह अभियान कम साक्षरता वाले जिलों में खासकर चलाया जाएगा। इस योजना को सफल बनाने के लिए 30 अप्रैल तक डोर-टू-डोर अभियान की शुरुआत की जाएगी।
सोमवार को सदर विधायक महेश चंद्र गुप्ता, जिलाधिकारी दीपा रंजन, मुख्य विकास अधिकारी ऋषिराज, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ0 महेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व विधायक प्रेम स्वरूप पाठक तथा शिक्षक, अभिभावक एवं बच्चों के साथ जनपद में स्कूल चलो अभियान की शुरुआत संविलियन विद्यालय आरिफपुर नवादा सहित समस्त विद्यालयों से माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर, माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर की गई। जनपद श्रावस्ती से मुख्यमंत्री योगीनाथ ने कार्यक्रम की शुरूआत की, जिसका सजीव प्रसारण सभी विद्यालयों में दिखाया गया। परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों, उत्कृष्ठ कार्य करने वाले शिक्षकों, एसएमसी के सदस्यों को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बच्चों को स्कूल से जोड़ना सरकार की और जनता के प्रतिनिधियों की प्राथमिकता होनी चाहिए। बच्चों की स्कूल यूनिफॉर्म, किताबें आदि समय से मुहैया हो सकें, इस पर जोर देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ’हमारा प्रयास होना चाहिए कि हर विद्यालय के पास खेल का मैदान होना चाहिए। स्कूल की इमारत का निर्माण होना चाहिए।’ सदर विधायक महेश चंद्र गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री जी का भाषण सुनने से लगता है कि वह बच्चों और शिक्षा को लेकर उनके भविष्य के लिए बहुत ही गंभीर है। बच्चे देश का भविष्य है और देश के भविष्य को निखारना हम सबका दायित्व है। अपने पद पर बैठा प्रत्येक व्यक्ति अपने दायित्वों का निर्वाहन समय से करना प्रारम्भ कर दें तो भारत जल्द विश्वगुरु जरूर बन जाएगा। अच्छा सोचो-अच्छा होगा, आज नहीं तो कल होगा। हम सब जो बोलते हैं, वह इसी ब्रहमाण्ड में गूंजता है। जब हम और आप अच्छा सोचेंगे तो निश्चित ही अच्छा होगा। आपने जब अच्छा सोचा तभी भारत का डंका विश्व में बज रहा है।डीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किया गया स्कूल चलो अभियान बहुत बड़ा अभियान है। सरकार की मंशा है कि हर गांव मोहल्ले का प्रत्येक बच्चा जो विद्यालय जाने के योग्य है विद्यालय में उसका पंजीकरण कर उसे शिक्षा से जोड़ा जाए।

कोई भी बच्चा शिक्षा पाने से वंचित न रहने पाए। हम सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि आस-पड़ोस के ऐसे बच्चे जो विद्यालय नहीं जा रहे हैं उनके माता-पिता को प्रेरित करके बच्चों को विद्यालय अवश्य भिजवाए। शत प्रतिशत विद्यालय आने वाले बच्चों के माता-पिता बधाई के पात्र हैं। कोरोना महामारी के कारण बच्चों का विद्यालय आना तो कम हुआ ही है साथ ही शिक्षा के प्रति उनकी रुचि भी कम हुई है। बच्चों को पढ़ने के लिए माहौल की जरूरत होती है और वह माहौल उन्हें घर में नहीं विद्यालय में ही मिलता है इसलिए हम सबका दायित्व है कि बच्चों को शिक्षा के लिए स्कूल तक लेकर आए और उन्हें वह माहौल दें कि जिससे वह मन लगाकर पढ़ाई करें।

सीडीओ ने कहा कि स्कूल चलो अभियान की शुरुआत हो चुकी है। इसके तहत विद्यालय आना भी है और शिक्षा के प्रति ललक व उत्सुकता वाले बच्चों को सारे अध्यापक अभिभावक ग्राम प्रधान सहित सभी विकास परिवार के साथी आगे लेकर जा सकते हैं इसलिए सभी बच्चों को स्कूल लेकर आए जिससे शिक्षा में बिछड़ गए बच्चों को वापस गति मिल सके। पूर्व विधायक प्रेम स्वरूप पाठक ने बच्चों से विभिन्न प्रकार के प्रश्न उनके स्तर को परखा। इतिहास और सामान्य ज्ञान से संबंधित विभिन्न प्रकार की जानकारियां साझा की। उन्होंने कहा कि अपने जीवन के 45 वर्ष मैंने एक इंटर कॉलेज में प्रवक्ता के तौर पर गुजारे हैं।

✍️ ब्यूरो रिपोर्ट आलोक मालपाणी बदायूं

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