संतुलित आहार स्वास्थ्य रक्षा में कारगर है। क्षेत्रीय तथा सामयिक फलों, सब्जियों तथा अनाज के सेवन से व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है। यह विचार उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा धन्वन्तरी जयन्ती के अवसर पर स्वास्थ्य की देखभाल में आहार तथा विहार विषय पर आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम के आरम्भ में यूनानी, आयुर्वेद, होमियोपैथिक तथा एलोपैथ के चिकित्सकों का स्वागत करते हुए संस्थान के निदेशक ने कहा कि भारतीय चिकित्सा पद्धति स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा की बात करती है। इसके लिए दिनचर्या में आहार तथा विहार का महत्व है।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए यूनानी पद्धति के डॉ. मनिराम सिंह ने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्थानीय व सामयिक खाद्यानों का प्रयोग बेहतर है। आयुर्वेद के डॉ0 जगन्नाथ पाण्डेय द्वारा मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए हितभुक,मितभुक एवं ऋतुभुक के अनुसार आहार विहार करना चाहिए। इसके अनुसार आहार विहार करने से मनुष्य शतायु प्राप्त कर सकता है।