आवर्तन तीन दिवसीय सुगम संगीत कार्यशाला धून का समापन समारोह हुआ संपन्न।
रोहित सेठ
आवर्तन एवं सप्तक संगीत संस्थान के तत्वावधान में चल रहे तीन दिवसीय सुगम संगीत कार्यशाला ‘धून का समापन समारोह रथयात्रा स्थित कन्हैया लाल स्मृति भवन में आयोजित किया गया। इस कार्यशाला में 75 छात्रों ने भाग लिया और सीखे हुए गीतों की प्रस्तुतियां हुई।
कार्यक्रम की शुरुआत संगीत परिषद के सचिव विनोद अग्निहोत्री जी, मुख्य अतिथि आकाशवाणी वाराणसी के निर्देशक डॉ. राजेश गौतम व प्रशिक्षिकाएँ डॉ. जयश्री रॉय एवं डॉ. देवोश्री रॉप चक्रवर्ती ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
स्वागत भाषण के रूप में आवर्तन की सचिव डॉ. सुचरिता गुप्ता ने आये हुए सभी अधितियों एवं दर्शकों का स्वागत किया व इस सुगम संगीत कार्यशाला का उद्देश्य सभी को बताया।
इसी कड़ी में मुख्य अतिथि आकाशवाणी बाराणसी के निर्देशक डॉ. राजेश गौतम का स्वागत सम्मान किया गया उनका परिचय दिया गया।
मुख्य अतिथि ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि कला जीवन में व्यक्तित्व के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है. संगीत एक ऐसी विधा है, जिनमें संवेदनशील मानव रुचि रखते हैं. उन्होंने कहा कि कला, कलाकार को जीवन जीने की शैली सीखाती है।
कार्यक्रम में आगे प्रशिक्षिकाएँ डॉ. जयश्री रॉय एवं डॉ. देबोश्री रॉय चक्रवर्ती, डॉ. स्मिता भटनागर एवं दीपक (तबला) अमित (की बोर्ड), श्री संजय मसी जी (साउंड) एवं प्रतीक संस्थान की संस्थापिका डॉ. अल्पना राय चौधुरी इन सभी
लोगों का स्वागत व सम्मान किया गया।
प्रतीक संस्थान की संस्थापिका डॉ. अल्पना राय चौधुरी ने आशीर्वचन से सभी को संबोधित किया।
तत्पश्चात गणेश भजन ‘जय गणेश गणनाथ दयानिधि’ के साथ संगीत कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
इसके बाद समूह गायन के रूप में मीरा भजन प्रस्तुत किया गया।
मीरा भजन के उपरांत सप्तक समूह की महिलाओं द्वारा एक गीत प्रस्तुत किया गया। आवर्तन संस्थान के छात्र छात्राओं द्वारा एक गीत प्रस्तुत किया गया।
तत्पश्चात सप्तक समूह की महिलाओं द्वारा एक और गीत ‘एक बार आ जाओ मानस में चिर सुंदर प्रस्तुत किया गयाः।
कोलकाता से आई प्रशिक्षिका डॉ देबोश्री रॉय चक्रवर्ती द्वारा सुगम संगीत की प्रस्तुतियां दी गई जिसमे गीत गजल व भजन शामिल थे जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया तथा डॉ. जयश्री रॉय ने बॉयलिन पर सुगम संगीत की धुन बजाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
धन्यवाद ज्ञापन संयोजिका रीता प्रकाश ने किया