दिव्यांगजनों को सहानुभूति नहीं समानुभूति की आवश्यकता है: लक्ष्मण आचार्य।
रोहित सेठ
वाराणसी 26 मई–:
दिव्य संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत नारायणी विहार कॉलोनी, वाराणसी में “दिव्यांग परिवार का स्नेह मिलन कार्यक्रम” आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल सिक्किम श्री लक्ष्मण आचार्य जी रहे।
कार्यक्रम में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को सहानुभूति नहीं समानुभूति की आवश्यकता है। काशी का इतिहास, इतिहास से भी पुराना है व काशी सदैव से समाज को नई दिशा प्रदान करता आया है व आज भी कर रहा है। दिव्यांगजनों का योगदान राष्ट्र विकास के सभी क्षेत्रों में सर्वोत्तम रहा है। राष्ट्र निर्माण में इनका योगदान अग्रणी है। वैदिक काल से लेकर आधुनिक काल तक दिव्यांगजन हर क्षेत्र में अपना अग्रणी योगदान देते आ रहे हैं। उन्होंने दिव्यांग बंधु डॉ उत्तम ओझा व उनकी टीम द्वारा पूरे देश में दिव्यांगों के कल्याण हेतु किये जा रहे प्रयासों की सराहना की।
कार्यक्रम के अध्यक्षता करते हुए राज्य पुरस्कार से सम्मानित प्रो मंगल कपूर ने कहा कि विगत कुछ वर्षों में पूरे देश में दिव्यांगजनों की स्थिति में गुणात्मक सुधार आया है।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि पद्मश्री सोमा घोष ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपने उदगार गायन के रूप में प्रस्तुत किया। जिससे महामहिम सहित जन समुदाय मंत्र मुग्ध हो गये।
इस अवसर पर दिव्यांग बंधु डॉ उत्तम ओझा ने कहा कि दिव्यांग भाई बहन पूरे विश्व में देश का नाम रोशन कर रहे हैं तथा समाज के प्रत्येक क्षेत्र में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ संजय चौरसिया, डॉ मनोज गुप्ता, डॉ तुलसी, अजीत श्रीवास्तव, डॉ मनोज तिवारी, सुमित सिंह, भावेश सेठ, आशुतोष प्रजापति उपस्थित रहे।
इस अवसर पर डॉ नीरज खन्ना, आशीष सेठ, करुणा सिंह व काशी हिंदू विश्वविद्यालय के रंग मंच कला संकाय के छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। उत्तर प्रदेश दिव्यांग क्रिकेट टीम ने महामहिम का माल्यार्पण एवं अंग वस्त्र प्रदान कर स्वागत किया।
इस अवसर एच एन श्रीवास्तव द्वारा लिखित पुस्तक रोशनी की तलाश का विमोचन किया गया तथा डॉ मनोज तिवारी ने स्वलिखित “पुस्तक दिव्यांगता: समग्र उपागम” महामहिम को भेंट की।
कार्यक्रम का संचालन डॉ सुनीता तिवारी एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो.अरविंद जोशी ने किया।