कर्मकांड एवं ज्योतिष पाठ्यक्रमों के माध्यम से धर्मगुरु बनने में आसान राह– कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा..

रोहित सेठ

दीन दयाल उपाध्याय कौशल केंद्र के अंतर्गत संचालित पाठ्यक्रम बी•वोक•/एम•वोक• में प्रवेश प्रारम्भ—- प्रो विधु द्विवेदी।

सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने बताया कि में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत बी-वोक एवं एम•वोक• पाठ्यक्रम के अंतर्गत पं.दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास केंद्र में क्रमशः दो पाठ्यक्रम ‘ज्योतिष एवं कर्मकांड और ‘वास्तुशास्त्र एवं आंतरिक सज्जा में सत्र 2024-25 हेतु प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है।
यह पाठ्यक्रम सभी के लिए रोजगारपरक है, धर्मगुरु बनने के लिए सम्पूर्ण पाठ्यक्रम है, इसके माध्यम से अर्चक,ज्योतिषी के रूप में भी रोज़गार प्राप्त किया जा सकता है।समाज और राष्ट्र में कर्मकांड और ज्योतिष शास्त्र के ज्ञान से पूजा आदि के वास्तविक दर्शन से समाज को जोड़ सकते हैं, मिथ्या और भ्रामक लोगों से मुक्त समाज बनाया जा सकेगा।
केंद्र की निदेशक प्रो. विधु द्विवेदी ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा बी-वोक के अंतर्गत दो व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। दोनों में आयु की कोई सीमा नहीं है। संस्कृत से इतर भी छात्र प्रवेश ले सकते हैं।
पाठ्यक्रम बी•वोक• तीन वर्ष का है और इसमें छह सेमेस्टर तथा एम•वोक•चार सेमेस्टर
की पढ़ाई होगी। नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुरूप प्रथम सेमेस्टर उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को सर्टिफिकेट, द्वितीय पर डिप्लोमा, चौथे सेमेस्टर पर एडवांस डिप्लोमा और छठे सेमेस्टर पर बी०वोक• की उपाधि दी जाएगी। इसी तरह से एम•वोक•पाठ्यक्रम पूरी तरह स्ववित्तपोषित होंगे और इसके प्रवेश फार्म का शुल्क रुपये 500/ तथा इस पाठ्यक्रम की फीस आठ हजार पांच सौ रुपये(8000/00) प्रति सेमेस्टर निर्धारित की गई है।
कौशल विकास केंद्र से आवेदन पत्र प्राप्त होंगे—
कौशल विकास केंद्र की निदेशक प्रो द्विवेदी ने बताया कि प्रवेश के लिए आवेदन पत्र कौशल केंद्र कार्यालय(पाणिनि भवन के द्वितीय तल पर गृह विज्ञान विभाग)पर सुबह 10:30 से दोपहर 4:30 बजे तक मिल रहे हैं।

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