वाराणसी – अर्दली बाजार एमामबारगाह स्व.मास्टर जहीर हुसैन साहब 20 सफर का जुलुस निकाला जिसमे ऊँटो पर अमारी. दुलदुल ताबूत और अलम था पहले मजलिस हुई जिस मे सोजख्वानी जनाब तफसीर साहब ने अपने साथियों के साथ पढ़ी और तकरीर मौलाना जनाब गुलजार मौलाई ने किया इसके बाद बनारस की मशहूर अंजुमनो ने नौहा मातम किया अंजुमने पंजतनी, अंजुमन हुसैनिया, अंजुमन पैगामे हुसैन, अंसीरे हुसैन, अंजुमन जादेआखरत, अंजुमन सदाए अब्बास ने जुलुस मे नोहा पढ़ा अर्दली बाजार चौमोहानी पर जुलुस रुककर वहां तकरीर हुई जिसको मिलाना मौलाना तहजबुल हसन साहब रांची ने खिताब किया अपनी तकरीर मे उन्होंने कर्बला एमाम हुसैन के लश्कर मे 72 शहीदों की शहादतों पर हिन्दुस्तान की आजादी की एमाम हुसैन की से सीख लेकर गांधी जी ने सत्य ग्रह आंदोलन कर आज़ादी पाइ और भी महापुर्षो की तारीखें बताई जो एमाम हुसैन के लश्कर ने तीन दिन भूखे प्यासे रहकर भी यजीद से जंग की इस तक़रीर के बाद ज़ंजीर व कमा का मातम करते हुए जुलुस अपने कदीमी रास्ते से होकर वापस एमामबारगाह पर समाप्त हुआ जुलुस को उठाने मे अंजुमन के तमाम मिम्मबरान ने अपना ताऊन पेश किया जुलुस का नेतृत्व जनाब सैय्याद जफर अब्बास साहब ने कि
रिपोर्ट – माजिद आखिर