*: बड़े मंगल पर खत्री वूमेंस फाउंडेशन ने रचा पुण्य का नव अध्याय* ज्येष्ठ मास के पावन पर्व ‘बड़ा मंगल’ के शुभ अवसर पर जब श्रद्धा, सेवा और भक्ति की त्रिधारा एक संग प्रवाहित होती है, तब उसका प्रभाव केवल मनुष्य-हृदय को ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण वातावरण को पावन कर देता है। इसी दिव्यता और समर्पण की भावना को मूर्त रूप प्रदान करते हुए खत्री वूमेंस फाउंडेशन ने इमली चौराहा स्थित दुःखहरण मंदिर परिसर में सेवा और भक्ति का एक प्रेरणादायक अध्याय रच दिया हनुमत उपासना के इस महापर्व पर जब “कवन सो काज कठिन जग माहीं, जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं” की पंक्तियाँ भक्तों के अधरों से प्रस्फुटित हो रही थीं, तब फाउंडेशन की समर्पित महिला सदस्याएं श्रद्धालुओं को ठंडी शिकंजी व बूंदी प्रसाद का वितरण कर रही थीं। मंदिर प्रांगण में संकटमोचन हनुमान जी को चोला अर्पित कर, एक दिव्य और आध्यात्मिक वातावरण की सृष्टि की गई इस पुण्य आयोजन की अगुवाई संस्था की यशस्वी अध्यक्षा प्रीति कपूर ने की, जिनके साथ सचिव शिखा धवन, उपाध्यक्ष साधिका कपूर, कोषाध्यक्ष सपना मेहरोत्रा, संपादक रुपाली महेन्द्रा, निदेशक समता मल्होत्रा एवं वॉइस डायरेक्टर ज्योति पुरी ने अपनी सशक्त उपस्थिति से आयोजन को गरिमा प्रदान की विशेष उल्लेखनीय सहयोग संस्था की वरिष्ठ मार्गदर्शिका माला कपूर का रहा, जिन्होंने आर्थिक योगदान देकर इस सेवा यज्ञ में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही, सदस्याएं निशी टंडन एवं मोनिका टंडन ने श्रद्धालुओं के लिए प्रेमपूर्वक कड़ी-चावल का वितरण करवाया, जिससे जनमानस की आत्मा तक तृप्ति पहुँची।इस अलौकिक सेवा आयोजन ने न केवल भक्तों के अंतर्मन को प्रसन्न किया, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया कि संगठित सेवा, श्रद्धा और नारी-शक्ति के समर्पण से ही एक समरस, सद्भावी और संस्कारित समाज का निर्माण संभव है।खत्री वूमेंस फाउंडेशन की यह पहल न केवल प्रेरणादायी रही, बल्कि आने वाले समय के लिए एक स्मरणीय और अनुकरणीय उदाहरण भी बन गई। यह आयोजन भावनाओं की उस भूमि पर खड़ा था, जहाँ न लाभ की आकांक्षा थी, न प्रसिद्धि की इच्छा—केवल सेवा का मौन संकल्प और श्रद्धा की गूंज थी। *लखीमपुर खीरी से संवाददाता अनिल कुमार*







