नगर निगम सभागार में वेन्डर लाइसेंसिंग प्रक्रिया पर कार्यशाला आयोजित
वाराणसी, 30 मई 2022 – विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई) की पूर्व संध्या पर नगर निगम के सभागार में वेन्डर लाइसेंसिंग प्रक्रिया लागू करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया | कार्यशाला की अध्यक्षता नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एन. पी. सिंह ने की। जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ वाराणसी एवं यू.पी.वी.एच.ए. (उत्तर प्रदेश वॉलिन्टरी हैल्थ एसोसिएशन उ०प्र० लखनऊ) के संयुक्त तत्त्वावधान में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में तम्बाकू विक्रेताओं के वेंडर लाइसेंस की प्रणाली और प्रक्रिया क्यों आवश्यक है? के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। इसके साथ ही जनपद मे इसके क्रियान्वयन एवं तम्बाकू नियंत्रण कानून के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया गया |
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने बताया कि तम्बाकू विक्रेता अप्रत्यक्ष रूप से इसका प्रचार भी करते हैं जिससे युवा पीढी इसकी तरफ आकर्षित होती है । यह जानलेवा पदार्थ आसानी से उन तक पहुँच जाता है । इससे कैंसर व अन्य गम्भीर बीमारियां बढ़ रही हैं। इस तरह बीमार व्यक्ति के उपचार में उसके परिवार को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पडता है। दूसरी और सरकार पर आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एन.पी. सिंह ने कहा कि वेंडर लाइसेंस की प्रक्रिया को लागू करने के लिए नगर निगम की आगामी बैठक में पुनःप्रस्ताव को प्रस्तुत कर कार्यवाही की जायेगी । जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ वाराणसी जिला सलाहकार डॉ सौरभ प्रताप सिंह ने बताया कि तम्बाकू वेन्डर लाइसेंसिंग जनपद के लिए अति आवश्यक है और इस लाइसेंसिंग प्रक्रिया को लागू करने में नगर निगम की अहम भूमिका है।
उत्तर प्रदेश वॉलिन्टरी हैल्थ एसोसिएशन के क्षेत्रीय समन्वयक दिलीप पाण्डेय ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सभी नगर निगम के द्वारा वेन्डर लाइसेंसिंग प्रक्रिया लागू की जानी है। लखनऊ नगर निगम पहले ही लाइसेंसिंग प्रक्रिया लागू कर चुका है एवं मुरादाबाद, अयोध्या , मथुरा एवं गाज़ियाबाद लाइसेंसिंग प्रक्रिया लागू करने अंतिम चरण की प्रक्रिया में है। आज तम्बाकू की वेंडर लाइसेंसिंग प्रक्रिया न होने के कारण तम्बाकू की दुकाने जगह जगह खुल जाती हैं जिससे देश, प्रदेश एवं जिले में तम्बाकू, गुटखा, पान मसालें से नई पीढ़ी को बचाने में असमर्थ होते जा रहे हैं। जनपद में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम लागू है जिसका उद्देश्य आने वाली युवा पीढ़ी को तम्बाकू की लत से बचाना है। नगर निगमों / नगर पालिकाओं/ नगर पंचायतों / ग्राम पंचायतो के माध्यम से वेन्डर लाइसेंसिंग प्रक्रिया लागू कर अपने ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका एवं नगर निगम को तम्बाकू मुक्त बनाना है तभी हम तम्बाकू मुक्त जनपद एवं तम्बाकू मुक्त प्रदेश की संकल्पना साकार कर सकते हैं। क्षेत्रीय समन्वयक ने इस कार्यशाला में प्रोजेक्टर के माध्यम से सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) – 2003 अधिनियम के विभिन्न धाराओं 4,5,6 एवं 7 के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी।
जिला सलाहकार डॉ सौरभ प्रताप सिंह ने तम्बाकू से होने वाले दुष्प्रभाव के वारे में विस्तार पूर्वक बताया कि अभी हाल ही में भारत सरकार द्वारा जारी ग्लोबल यूथ टोबेको सर्वे-2021 के अनुसार 23 प्रतिशत लड़कों एवं 24 प्रतिशत लडकियों द्वारा किसी न किसी रूप में तम्बाकू उत्पादों का उपयोग किया। 22 प्रतिशत विद्यार्थियों द्वारा सार्वजानिक स्थानों पर परोक्ष धूम्रपान (सेकेंड हेंड स्मोकिंग) किया जा रहा है। इसके साथ ही रिपोर्ट को देखें तो 23.1% पुरुष, 3.2% महिलाएं और सभी वयस्कों का 13.5% वर्तमान में तंबाकू का सेवन करते हैं। 42.6% पुरुष, 15.2% महिलाएं और सभी वयस्कों का 29.4% वर्तमान में धूम्ररहित तंबाकू का प्रयोग कर रहे हैं ।
कार्यशाला में सामाजिक कार्यकर्ता संगीता सिंह ने युवाओं को तम्बाकू की लत से दूर रखने एवं नयी पीढ़ी को तम्बाकू के जोखिम के कारकों से अवगत कराया I साइकोलोजिस्ट अजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि तम्बाकू को दृढ इच्छा शक्ति से ही छोड़ सकते हैं। इसको आदत में मत डालिए नहीं तो जीवन अभिशाप बन सकता है। इस कार्यशाला में नगर निगम के प्रभारी अधिकारी प्रवर्तन दल, समस्त कर अधीक्षक, सफाई एवं खाद्य निरीक्षक आदि लोग उपस्थित रहे I
*वाराणसी से ब्यूरो चीफ प्रियंका पटेल*