सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार (उपनयन संस्कार) निःशुल्क (आठ वर्ष से सोलह वर्ष के बालक एवं बालिकाओं का)….
भारतीय सनातन संस्कृति की अलख घर-घर जगाने हेतु हम सबको सर्वप्रथम अपने-अपने घरों में सनातन संस्कृति के सोलह संस्कारों को विधिवत् करना आरम्भ करना होगा। हमारी सनातन संस्कृति के 16 संस्कारों में से दशम स्थान पर है “उपनयन संस्कार (यज्ञोपवीत “जनेऊ” संस्कार )”। जनेऊ में तीन सूत्र होते हैं। यह तीन सूत्र बच्चों को बल, ऊर्जा और तेज प्रदान करते हैं। इसके साथ ही बच्चों में आध्यात्मिक भाव जागृत होता है। बच्चे संस्कार के दायरे में रहते हुए धर्म के मार्ग पर चलते हुए प्रत्येक क्षेत्र में राष्ट्र एवं परिवार का नाम ऊँचा करते हैं। शास्त्रों के अनुसार जब बालक या बालिका आठ वर्ष के हो जाएँ, तभी यह संस्कार करवाना चाहिए। लेकिन वर्तमान युग में अपने धर्म के प्रति जागरूकता के अभाव में अधिकतर माता -पिता एवं अभिवावक अपने बालक – बालिकाओं के जनेऊ संस्कार नहीं करवा पाते हैं।
अतः भारतराष्ट्र सेवापीठ के सहयोग से वेदों के प्रकांड विद्वान्, संस्कृत शिरोमणि आचार्य श्री चन्द्रदत्त जी
के सान्निध्य में *पूर्ण विधि विधान एवं वैदिक मन्त्रोच्चारण के साथ सामूहिक उपनयन संस्कार (यज्ञोपवीत संस्कार )
दिनांक 24 अगस्त 2023
दिन – बृहस्पतिवार
समय – प्रातः 09 बजे से 11 बजे तक
स्थान – श्रीमद् ब्रह्मदत्त गौशाला प्राङ्गण, दातागंज मार्ग, बदायूं (उ. प्र.) में बृहद् आयोजन किया जा रहा है।
जिसमें आठ वर्ष (08 वर्ष ) की आयु से सोलह वर्ष (16 वर्ष) आयु के बालक एवं बालिकाओं का निःशुल्क उपनयन संस्कार (जनेऊ संस्कार ) सम्पन्न कराया जाएगा। जो भी अभिवावक (किसी भी जाति एवं वर्ग के) अपने बालक एवं बालिकाओं का निःशुल्क उपनयन (यज्ञोपवीत) संस्कार करवाने के इच्छुक हैं, *वे सभी 20 अगस्त, 2023 तक अपने बच्चों का निःशुल्क पंजीकरण मेरे नंबर (9837885655) पर करवा लें। प्रारम्भ में 100 बच्चों का ही पंजीकरण किया जाएगा।* पंजीकरण के बाद संस्कार की पूरी विधि एवं नियम आपको अवगत करा दिए जायेंगे। तत्पश्चात् आप निर्धारित समयानुसार अपने परिवार के समस्त सदस्यों के साथ अपने बालक अथवा बालिका को गौशाला प्रांगण में संस्कार स्थल पर लेकर आएं।
धन्यवाद।
(निवेदक एवं संस्कार संयोजक — सचिन भारद्वाज “यशोधन”) बदायूं
9837885655
9193885655
(सनातन संस्कृतिसेवक, राष्ट्रसेवक, गोपालक, कलमसेवक, योगसेवक)