नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के निजी स्कूलों की ओर से कोविड महामारी में शैक्षणिक सत्र 2020-21 के दौरान विद्यार्थियों से ली गई फीस में से 15 फीसदी लौटाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर लगी रोक हटा दी है। हालांकि राज्य के तीन स्कूलों को शीर्ष अदालत के फैसले का लाभ मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट की रोक पूर्व छात्रों को फीस वापसी तक सीमित थी।

कोर्ट ने कहा है कि, याचिकाकर्ता इंडिपेंडेंट स्कूल फेडरेशन ने बताया कि सिर्फ तीन स्कूल अदालती आदेश मानने को तैयार हुए हैं। हालांकि उनकी बैलेंसशीट और लाभ-हानि का लेखा-जोखा अधूरा है। पीठ ने कहा, उसके अंतरिम आदेश का लाभ इन्हीं तीन स्कूलों को मिलेगा। इन तीन स्कूलों को हलफनामे के जरिये एक अप्रैल, 2018 से 30 मार्च, 2022 तक का लाभ-हानि का ब्योरा छह हफ्ते में जमा कराना होगा। 

पीठ ने तीनों से यह भी बताने के लिए कहा है कि क्या एक अप्रैल, 2020 और 31 मार्च, 2021 के बीच शिक्षकों व स्टाफ के वेतन में कोई कटौती की थी। यह भी कि दिन- प्रतिदिन या परिचालन व्यय में कोई कमी की थी? मई में सुप्रीम कोर्ट ने छह सप्ताह के लिए हाईकोर्ट के आदेश के मद्देनजर राज्य प्रशासन के किसी भी कठोर आदेश से स्कूलों की रक्षा की थी, लेकिन कहा था यदि उनकी बैलेंसशीट इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को न्यायोचित ठहराती हो, तो स्कूलों को 2020 और 2021 की महामारी के दौरान ली फीस वापस करनी होगी। 

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