प्रदेश में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन अब खुद नया कोर्स शुरू कर सकेगा, मूल्यांकन के लिए विद्यार्थियों की खुद ही परीक्षा ले सकेगा और सर्टिफिकेट व डिग्री भी दे सकेगा। यह प्रदेश की पहली संस्था है जिसे राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी), नई दिल्ली ने यह अधिकार दिया है। अभी तक इसके लिए उन्हें एनसीवीईटी की अनुमति लेनी पड़ती थी। यही नहीं इसके द्वारा शुरू किए जाने वाले पाठ्यक्रमों की मान्यता पूरे देश में होगी। विद्यार्थियों को अधिक से अधिक नए कोर्सेज की पढ़ाई का विकल्प मिलेगा।

एनसीवीईटी के अध्यक्ष डा. निर्मलजीत सिंह कलसी की मौजूदगी में प्रमुख सचिव, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता एम. देवराज और एनसीवीईटी के सचिव कर्नल संतोष कुमार ने समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। 

कोर्सेस की मान्यता पूरे देश में

एनसीवीईटी, नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में डा.कलसी ने कहा कि अवार्डिंग बाडी (ड्यूल) का अधिकार मिलने से यह एनसीवीईटी की तरह ही कौशल विकास मिशन भी सर्टिफिकेट व डिग्री जारी कर सकेगा। कोर्सेज की मान्यता पूरे देश में होने से विद्यार्थियों को रोजगार हासिल करने में कोई कठिनाई नहीं होगी। एम.देवराज ने कहा कि अब युवाओं के लिए जल्द नए-नए रोजगारपरक कोर्स शुरू किए जाएंगे। विद्यार्थियों के लिए समय की मांग के अनुसार यह कोर्स शुरू किए जाएंगे। कौशल विकास मिशन अधिक से अधिक युवाओं को हुनरमंद बनाने पर जोर दिया जा रहा है।

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