बिग ब्रेकिंग न्यूज़.
जनपद – सिद्धार्थ नगर (यू.पी)
रिपोर्ट – सूरज गुप्ता
मो०.6307598658
मनरेगा में लूट की मची छूट. रोजगार सेवक लगा रहे हैं श्रमिकों की फर्जी हाजिरी जिम्मेदारों के नाक के नीचे किया जा रहा है भ्रष्टाचार
डुमरियागंज विकास खंड अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में चल रहे मनरेगा कार्यों को लेकर हमेशा मीडिया की सुर्खियों में बना रहता है
ताजा मामला ग्राम पंचायत अरनी का है जहाँ ग्राम पंचायत में 01-आई डी चल रहा है जिसमें 61 श्रमिकों का मास्टर रोल जारी किया है आई डी सं0 – 3151010137/ LD/…510834 ग्राम पंचायत अरनी में जखौली सरहद से लटिया सरहद तक रोड के दोनों तरफ पटरी मरम्मत का कार्य केवल 04 श्रमिकों (01 महिला 03 पुरूष) को लगा कर PWD रोड के पटरी पर उगे हुए घास को छिलवाया जा रहा है इस सम्बन्ध में लोकनिर्माण विभाग के अभियन्ता से बात करने पर उन्होंने बताया कि PWD विभाग की गाईडलाईन के अनुसार अगर ग्राम पंचायत द्वारा किसी अन्य विभाग के रोड पर कोई कार्य कराया जाता है तो सम्बंधित विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना कोई भी कार्य नहीं कराया जा सकता और PWD विभाग कभी भी घास -फूंस छिलने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं देता PWD विभाग द्वारा टूटी- फूटी पटरी मरम्मत व पटरी पर मिट्टी पटाई का ही अनापत्ति प्रमाण जारी किया जाता है जब कि यहाँ पटरी मरम्मत के नाम पर केवल घास- फूल छिलवाया जा रहा है इस कार्य मेंँ 61 श्रमिकों का मास्टर रोल भरा जा रहा है सुदर्शन चैनल टीम की पड़ताल में केवल 04 श्रमिक ही पाये गये
यहाँ केवल 01 परियोजना पर पटरी मरम्मत कार्य चल रहा है मनरेगा योजना के अन्तर्गत सिर्फ कागजों में चल रहा है ,
ग्राम पंचायत अरनी में ही 57 श्रमिकों का फर्जी मास्टर रोल भरा जा रहा है सचिव ग्राम पंचायत विजय पाल सिंह को फोन करने पर नहीं लगा उनका फोन
*स्थानीय लोगों ने बताया कि हमारे ग्राम पंचायत में इस समय लगभग 02 दिनों से PWD रोड के पटरी मरम्मत का कार्य मनरेगा योजना के अन्तर्गत चल रहा है जिसमें 61 श्रमिकों का मास्टर रोल भरा जा रहा है लेकिन मौके पर इतने ही श्रमिक काम करते हैं
इस कार्य पर 61 श्रमिकों का मास्टर रोल भरा जा रहा है। यह कार्य सिर्फ कागजों में ही चल रहा है। ग्राम पंचायत अरनी में 230 ×57 = 13110 ( तेरह हजार एक सौ दश)रूपये सरकारी धन का यहाँ 01 ग्राम पंचायत में 01 दिन में दुरूपयोग किया जा रहा है धन है ।
स्थानीय लोगों द्वारा बताया गया कि एक बार में 07 दिन से लेकर 14 दिन तक का मास्टर रोल निकाले जाने का प्राविधान है इस तरह से 13110×14 =183540 (एक लाख तिरासी हजार पांच सौ चालिस) रुपये अगर 14 दिनों का मास्टर रोल जारी किया गया है तो *एक लाख तिरासी हजार पांच सौ चालिस रूपये*
के दुरूपयोग किये जाने की लोगों द्वारा संभावना व्यक्त किया जा रहा है
ऐसे में आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि शासकीय धन का किस तरह से दुरूपयोग किया जा रहा है, आखिर किस के इशारे पर इतना बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा है जबकि केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त करने की दावा करती है ग्राम पंचायत अरनी सहित अधिकतर ग्राम पंचायतों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा अगर जमीनी स्तर पर इसकी पड़ताल कर ली जाए तो भ्रष्टाचार की कलाई परतदार परत खुलकर सामने आने लगेगी जो लोग गांव में कभी कार्यस्थल पर नहीं जाते उनके नाम पर भी हाजिरी लगा दी जाती है ग्राम पंचायत में नियुक्त रोजगार सेवक द्वारा फर्जी हाजिरी लगा दिया जाता है तकनीकी सहायक द्वारा फर्जी एम. बी .कर दिया जाता है और मजदूरों के खाते में पैसा भिजवाकर निकलवा लिया जाता है और उनको 500 से 600 रूपये पकड़ा दिया जाता है सबसे बड़ी बात यह है कि फर्जी मनरेगा योजना में हो रहे कार्य स्थल पर शुरू होने और समाप्त होने व परियोजना पर ब्यय किये गए धन की कहीं कोई साइन बोर्ड नहीं लगा है जिससे यहां नहीं पता हो पता कि इस परियोजना पर कितने दिन, कितने श्रमिको को कितना रुपया का भुगतान हुआ इस योजना में सरकारी धन का खूब बंदर बांट हो रहा है
मनरेगा योजना में हो रहे भ्रष्टाचार के जिम्मेदार इसमें रोजगार सेवक की जिम्मेदारी होती है कि वह एन.एम.एम एस. द्वारा फर्जी हाजिरी लगाते हैं उसके बाद तकनीकी सहायक की जिम्मेदारी होती है कि वह फर्जी एम. बी .कर देते हैं और प्रधान व सचिव की जिम्मेदारी भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होती है पैसा स्वीकृत होकर श्रमिकों के खाते में पहुंच जाता है
मनरेगा योजना में घोटाले बाजों की जड़े हैं बहुत गहरी व मजबूत मनरेगा योजना में घोटाले बाजों की जड़े इतनी मजबूत है कि किसी भी ग्रामीण में इतनी हिम्मत नहीं होती की खुलकर इसका विरोध कर सके अगर किसी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई तो उसकी हर तरह से इतना प्रताड़ित व पीड़ित कर दिया जाता है कि वह थक हार कर घर पर बैठ जाता है
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस समय कहीं कोई खेत खलिहान खाली नहीं हैं सभी खेत खलिहान में गेहूं, सरसों,आलू, मटर आदि बोया हुआ है ऐसे में जमीनी स्तर पर मिट्टी का कार्य कराना सम्भव नहीं है इसलिए अब पटरी मरम्मत के कार्य कराने का खेला चल रहा है
👉 01मनरेगा में चल रहे कार्यों की उपस्थिति मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम एप के माध्यम से सुबह शाम दोनों टाइम का नियम है इसके बावजूद भी उपस्थित एक टाइम लगाया जा रहा है कार्य के समय ना लगा करके रात्रि में 10:45 (पौने ग्यारह)बजे लगाया जा रहा है प्रतीत हो रहा है कि मजदूरों की उपस्थिति फर्जी ढंग से छुपाते हुए रात में हाजिरी लगाया जा रहा है जिससे किसी को कानों कान भनक भी ना लगे
👉02- ऐसे में आप सहज ही आंदाजा लगा सकते हैं कि मौके पर क्या चल रहा है पीडब्ल्यूडी रोड की पटरी की एक साइड जल निगम द्वारा पानी का पाइप लाइन डालने के लिए खुदाई किया गया था और पूरी तरह से घास फूस साफ कर दिया गया था
👉 03 पटरी मरम्मत का कार्य बगल के मिट्टी खोदकर के पूरी पटरी को समतलीकरण करते हुए उच्चीकरण व दुरुस्त करने का नियम है
👉 04 PWD रोड की मरम्मत कार्य के नाम पर जो कार्य चल रहा है वह पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार का खेल है क्योंकि जब सड़क के दोनों तरफ फसल लगा हुआ है मिट्टी खोदने का कहीं से कोई जगह ही नहीं है तो आखिरकार पटरी मरम्मत हो कैसे रहा है इससे यहां पूर्ण रूप से स्पष्ट है कि कुछ चंद्र लोगों को खड़ा करके केवल फोटो खींचा जा रहा है और मौके पर घास को छिलवा करके भ्रष्टाचार किया जा रहा है ।
👉 05 PWD रोड के पटरी मरम्मत के नाम पर विकासखंड डुमरियागंज सहित जनपद में लाखों रुपए का भ्रष्टाचार पिछले कुछ दिनों से किया जा रहा है यह सब पटरी गैंग विकासखंड में हावी होकर के पटरी मरम्मत के नाम पर बहुत बड़ा वित्तीय अनियमितता एवं भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों ने वरिष्ठ अधिकारियों से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने व फर्जी मनरेगा श्रमिकों की हाजिरी को शून्य कराने का मांग किया है।
इस संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए ज्यादा जानकारी के लिए मुख्य विकास अधिकारी जयन्द कुमार जी को फोन करने पर उन्होंने बताया कि हम आपके द्वारा बताये गये ग्राम पंचायत का स्थलीय जांच व निरीक्षण कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करेंगे।
👉यक्ष प्रश्न भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है.देश की जन्ता के पैसों पर अपनी शौक पूरा करने वाले काले बिषधर की तरह उस धन पर कुण्डली मारकर बैठने वाले जो भ्रष्टाचार की भट्टी पर अपनी- अपनी रोटियां सेंक रहे हैं वो सभी सलाखों के पीछे कब जायेंगे?