विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह में किसी विभाग की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी” – जिलाधिकारी॥

रोहित सेठ

विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान’ के संचालन को लेकर हुई अंतर्विभागीय टास्कफोर्स बैठक॥

वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए जनपद में शुरू हुईं तैयारियां।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के संतोषजनक कार्य न होने पर बड़ागांव व हरहुआ के सीडीपीओ का वेतन रोकने का दिया निर्देश॥

एक जुलाई से पूरे माह चलेगा अभियान, खोजे जाएंगे डेंगू मलेरिया फाइलेरिया टीबी के रोगी॥

जागरूकता के लिए 11 जुलाई से चलेगा ‘दस्तक अभियान’, घर-घर जाएंगी आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता॥

ई-कवच पर अपलोड होंगी रोगियों की जानकारी, आभा आईडी जेनरेशन पर भी दिया जाएगा ज़ोर॥

वाराणसी वेक्टर जनित बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, फाइलेरिया, कालाजार आदि की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत एक जुलाई से 31 जुलाई तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान संचालित किया जाएगा। इसके साथ ही 11 से 31 जुलाई तक घर-घर दस्तक अभियान (दरवाजा खटखटाना) चलाया जाएगा। अभियान की तैयारियों को लेकर बुधवार को विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी एस राजलिंगम की अध्यक्षता एवं मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की उपस्थिती में जनपद स्तरीय अंतर्विभागीय टास्क फोर्स बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने अभियान की तैयारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग समेत सभी 13 सहयोगी विभागों से विस्तृत जानकारी ली और जल्द से जल्द माइक्रोप्लान तैयार करने के लिए निर्देश दिया। कहा कि इस अभियान में किसी भी विभाग के अधिकारी की शिथिलता को क्षमा नहीं किया जाएगा। माइक्रोप्लान के अनुसार शत-प्रतिशत कार्य का सम्पादन करें। इसी साल अप्रैल में चलाये गए संचारी रोग नियंत्रण अभियान में बड़ागांव एवं हरहुआ ब्लॉक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा संतोषजनक कार्य न करने पर दोनों ब्लॉक के सीडीपीओ का वेतन अवरुद्ध करने का निर्देश दिया। सभी विभाग डाटा फीडिंग और मॉनिटरिंग पर ध्यान दें।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि जनपद के नगर या ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं भी जल जमाव, गंदगी, आदि की स्थिति पैदा न हो। नगर में कहीं भी जल भराव, नाली जामव आदि की स्थिति होने नगर निगम इस पर तुरंत कार्रवाई करें। इसी तरह की स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में होने पर पंचायती राज व ग्राम विकास विभाग की ओर से तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाए। हॉट स्पॉट क्षेत्रों, घनी आबादी व अन्य मलिन बस्तियों में एंटी लार्वा छिड़काव, फोगिंग आदि का कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के आपसी सामंजस्य से ही संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान को सफल बनाया जा सकता है। यह तभी संभव है जब इस संदर्भ में जिन विभागों को जो भी जिम्मेदारियां दी गयी हैं, उसका पूरी जिम्मेदारी के साथ पालन किया जाए। दस्तक अभियान में विभिन्न विभागों के फ्रंटलाइन वर्कर्स वेक्टर जनित एवं संक्रामक रोगों से बचाव की जानकारी घर-घर जाकर देंगे तथा व्यवहार परिवर्तन के लिए लोगों को प्रेरित करें। अधिक से अधिक लोगों को मच्छरों के माध्यम से फैलने वाली बीमारियों बारे में बतायें और इन रोगों से बचाव के बारे में जानकारी भी दें। अभियान में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता माइक्रोप्लान के तहत कार्य करें। सभी विभाग अगले सप्ताह माइक्रोप्लान भेजना सुनिश्चित करें, जिससे अभियान का सफलतापूर्वक संचालन किया जा सके।
खाद्य विभाग को निर्देशित किया कि जनपद के रेस्टोरेन्ट, मिठाई की दुकानों और स्ट्रीट फूड के खाद्य सामग्रियों के गुणवत्ता की नियमित जांच करें, जिससे लोगों को फूड पोइजनिंग से बचाया जा सके। शिक्षा विभाग के द्वारा समस्त स्कूलों और विद्यालयों में जन जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जाए। नगर विकास, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभागों के द्वारा मच्छरों के घनत्व को न्यून करने के लिए सभी आवश्यक गतिविधियाँ निरंतर संपादित की जाएं। समस्त ग्राम प्रधान, सचिव और पंचायत सहायक का संवेदीकरण और प्रशिक्षण दिया जाए। ब्लॉक स्तर पर होने वाली सभी बैठकों और प्रशिक्षण में सभी अधिकारी व कर्मी उपस्थित रहें। दस्तक अभियान में आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा काउन्सलिन्ग पर ज़ोर दिया जाए। सीएचसी व पीएचसी स्तर पर ही डेंगू आदि के मरीजों को तत्काल प्रभाव से उपचार प्रदान किया जाए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के लिए विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सभी विभागों को शासन से प्राप्त निर्देशों के बारे में अवगत कराया गया। समस्त रिपोर्ट को ई-कवच पोर्टल पर फीड किया जाएगा और परिवार के सभी सदस्यों की आभा आईडी जेनरेट की जाएगी। इसकी नियमित समीक्षा और मॉनिटरिंग भी की जाएगी। सीएमओ ने संचारी रोग नियंत्रण माह अभियान के साथ ही एक जुलाई से शुरू होने वाले ‘स्टॉप डायरिया नियंत्रण अभियान’ के बारे में अवगत कराया। यह अभियान दो माह तक चलेगा।
बैठक में एसीएमओ व नोडल अधिकारी डॉ एसएस कनौजिया, जिला मलेरिया अधिकारी एससी पाण्डेय, अपर व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधीक्षक, विभिन्न विभागों के मुख्य अधिकारी व कर्मी, समस्त ब्लॉक के अधीक्षक व एमओआईसी, सीडीपीओ, बायोलोजिस्ट, अन्य अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी सहित सहयोगी संस्था यूनिसेफ व डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *