वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद के मार्ग पर गेट लगवाने के बाद उपजी मुस्लिम समाज की नाराज़गी और प्रशासन द्वारा वायदे के बाद ज्ञानवापी मस्जिद की देख रेख करने वाली संस्था अंजुमन इन्तेजामियां मसाजिद कमेटी के बीच प्रशासन पर एतबार नही दिखाई दे रहा है। इस क्रम में आज अंजुमन इन्तेजामियाँ मसाजिद कमेटी की एक अहम बैठक मुफ़्ती-ए-शहर मौलाना बातिन नोमानी के आवास पर हुई। बैठक में मस्जिद की सुरक्षा और चल रहे वर्तमान संघर्ष के सम्बन्ध में कई अहम् फैसले लिए गए।बैठक में अंजुमन के सभी सदस्यो और पदाधिकारियों ने मंदिर प्रशासन द्वारा लगवाए जा रहे गेट पर सख्त एतराज़ दर्ज करवाते हुवे कुल 4 प्रस्तावों को सर्व सहमति से पास किया गया। जिसमे पहले प्रस्ताव में मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन से इस विवादित गेट को न लगाने का अनुरोध किया गया है। साथ ही विवादित इस गेट पर सख्त एतराज़ जताते हुवे लगे हुवे खम्बो को तुरंत हटाने का अनुरोध किया गया है।दुसरे प्रस्ताव के तहत इस बात पर सर्व सहमति बनी कि दिनांक 31 जनवरी 2024 से लेकर 2 अगस्त 2024 तक की समस्त अन्यायपूर्ण हुई घटनाओं को वर्णित करते हुवे एक पत्र वाराणसी के सांसद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी, सांसद अखिलेश यादव, चंदौली के सांसद विरेन्द्र सिंह और अन्य सेक्युलर पार्टियों के सांसदों को लिख कर ऐसे अन्यायपूर्ण तथ्यों को अवगत करवाते हुवे मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया जायेगा।तीसरे प्रस्ताव के तहत मौके पर ही सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के अधिवक्ताओं से वार्ता कर इस सम्बन्ध में कानूनी कार्यवाही की रूप रेखा तैयार हुई। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं और हाई कोर्ट के अधिवक्ताओं संग हुई बातचीत में इस बात की शंका ज़ाहिर किया गया कि मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन यह विवादित गेट लगाकर मस्जिद में नमाजियों की तय्दात को नियंत्रित करने का अवैध प्रयास किया जा सकता है।चौथे प्रस्ताव के तहत इस बात पर सर्वसम्मति से फैसला हुआ कि ज्ञानवापी मस्जिद की ज़मीन छत्ताद्वार के अधिकतर भू भाग का उपयोग विश्वनथ कारीडोर के तहत किया जा रहा है। इन तमाम संपत्तियों की कागज़ात को इकठ्ठा करके उक्त समस्त संपत्तियों हेतु कानूनी लड़ाई बड़े पैमाने पर लड़ी जायेगी।बैठक में मुफ़्ती मौलाना बातिन नोमानी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के रास्ते पर गेट नही लगाने का आश्वासन प्रशासन ने दिया है। मगर प्रशासन पर हमको एतमाद नही है। अगर ऐसा प्रयास कोई दुबारा हुआ तो हम दुबारा कानून के दायरे में रह कर गांधीवादी तरीके से इसका विरोध करेगे। हम अपनी मस्जिद के सुरक्षा हेतु कटिबद्ध है। संघर्ष में कोई कमी नही रहने देंगे।

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