उत्तर प्रदेश राजधानी लखनऊ की वे वक्फ बोर्ड की संपत्तियां जिसको सरकार ने अपने अधीन लेकर सरकारी विभाग बनाएं मुसलमानो को कभी भी कोई भी आपत्ति नहीं हुई और न ही किराए की मांग की?
1. संपूर्ण चारबाग रेलवे स्टेशन
2. विधानसभा
3. सचिवालय
4. राज्यपाल भवन कार्यालय
5. छतर मंजिल
6. दारुल सफा
7. अमीरूदौला पार्क
8. बारा दरी
9. गुलाब वाटिका
10. नींबू पार्क
11. हाथी पार्क
12. सूरजकुंड
13. रेजिडेंसी
14. शहीद स्मारक
15. दिलकुशा गार्डन
16. बटलर हाउस
17. रैदास मन्दिर
18. चिडियाघर वाजिद अली शाह
19. घंटाघर हुसैनाबाद ट्रस्ट
20. डीआरएम कार्यालय
21. रूमी दरवाजा गेट
22. नादान महल
लखनऊ में वक्त बोर्ड की वह संपत्तियां जो हिंदू भाइयों के अधीन है आज तक मुसलमानो ने खाली नही करवाया या अवैध नहीं कहा और न ही किराए या मुवावजे की मांग की ?
1. लाजपत नगर 2. काजमैन
3. जानुददौला कर्बला 4. सौदागर
5. झाऊलाल 6. शाहनज़फ
7. सिप्टेना बाद 8. हजरतगंज BJP कार्यालय
9. हजरतगंज समाजवादी कार्यालय
10. अमीनाबाद झंडे वाला पार्क
आजादी के समय हजारों से लाखों की संख्या में अपना घर छोड़ पाकिस्तान शिफ्ट हुए मुस्लिम संपत्तियां हिन्दू भाइयों के अधीन है आज तक मुस्लिम ने संपत्ति खाली करने की मांग नहीं की और न ही करेगा?
1. पुराना लखनऊ 2. अमीनाबाद
3. नख्खास 4. हसैनाबाद
5. ईदगाह 6. हजरत गंज
7. खदरा 8. हसैनगंज
9. आलमबाग 10. लालबाग
11. कैसरबाग 12. मूसा बाग
अफसोस और प्रश्न यह है कि सरकार के संरक्षण हिंदुत्ववादी संगठनों के द्वारा हर महीने वक्फ बोर्ड को समाप्त करने की याचकाएं RIT/ PIL डाली जा रही हैं और कोर्ट में बैठे जज भी स्वीकार करने के तरीके बता रहे हैं क्या यह भारत का लोकतंत्र और समानता है ?
आIखिरी BJP योगी सरकार धर्म विरोधी नफरत विरोधी मुस्लिम विरोधी राजनीति करके जहर के बीच क्यों बो रही है भाईचारे और गंगा जमुना हजीब को नसतो नाबूत क्यों कर रही है?