सहसवान : तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध में अधिवक्ताओं का एसडीएम न्यायालय और तहसीलदार न्यायालय का बहिष्कार 20 वें दिन भी जारी रहा। अधिवक्ताओं ने कचहरी परिसर से जुलूस निकालकर तहसील में एसडीएम और तहसीलदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की अधिवक्ताओं ने अपनी मांगों को दोहराते हुए कहा कि जब तक एसडीएम और तहसीलदार का स्थानांतरण नहीं हो जाता बहिष्कार जारी रहेगा। इस मौके पर श्याम बाबू सक्सेना एडवोकेट ने कहा एसडीएम न्यायालय में इतना भ्रष्टाचार है कि कोई काम बिना पैसे के नहीं होता। एसडीएम स्वयं वादकारी से सौदा तय करते हैं और जब सौदा तय हो जाता है फिर दूसरे वादकारी को बुला कर कहते हैं तुम कितना खर्च करोगे अगर वह उससे अधिक देने की बात करता है । तब पहले वाले के पैसे वापस कर दिया जाता है और अधिक पैसा खर्च करने वाले का काम हो जाता है।
ऐसा तहसील में काफी समय से होता चला आ रहा है। अधिवक्ता रागिव अली एडवोकेट ने कहा कि बड़े अफसोस और शर्म की बात है कि एसडीएम का पद एक जिम्मेदार अधिकारी का पद ऐसे प्रशासनिक पद पर बैठा व्यक्ति यदि भ्रष्टाचार में लिप्त है तब अन्य कर्मचारियों का क्या हाल होगा। धारा 80, धारा 38 की पत्रावलियों में मोटा पैसा लिया जा रहा है तब जाकर कृषि भूमि से आकृषित भूमि घोषित हो पाती है। तहसील क्षेत्र में प्लाटिंग का काम कर रहे हैं लोग सबसे अधिक प्रताड़ित है उनका जमकर आर्थिक दोहन हो रहा है। सेंट्रल बार वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सैयद जावेद इकबाल नकवी ने कहा कि उच्च पदों पर बैठे प्रशासन के अधिकारियों को तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार नजर नहीं आ रहा है ।
वह अधिवक्ताओं के धैर्य की परीक्षा न लें। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा की अगर समय रहते शीघ्र एसडीएम और तहसीलदार को नहीं हटाया गया तब अधिवक्ताओं का आंदोलन जिला स्तर से लेकर मंडल स्तर तक पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में बरेली मंडल के सभी बार एसोसिएशन के अध्यक्षों से वार्ता हो चुकी है।
इस दौरान सैयद मुजफ्फर अली,ज्याउल इस्लाम,आशिफ अली, मुहम्मद हनीफ , अनेक पाल सिंह ,सुशील सैनी, राज कुमार सक्सेना, सनी मिश्रा, धर्मेंद्र यादव, आदि मौजूद रहे।
✍️ ब्यूरो रिपोर्ट आलोक मालवाणी (बरेली मंडल)