कृषि मंत्री ने खरीफ की तैयारी के सम्बन्ध में विभागीय अधिकारियों एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारियों के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए॥

रोहित सेठ

वाराणसी एवं चन्दौली में संचालित नमामि गंगे योजनान्तर्गत कृषकों का समय से चयनोपरानत कलस्टर का कार्य एवं प्रशिक्षण दिया जाए, जिसके अन्तर्गत जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाए-सूर्य प्रताप शाही॥

मृदा परीक्षण कराकर कृषको के खेत में कौन-कौन से पोषक तत्वों की कमी है से अवगत कराए॥

ताकि कृषक कम लागत से अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकें॥

जिला कृषि अधिकारी अपने0जिलों में जिलाधिकारी के निर्देशानुसार संघन चेकिंग करते रहे, ताकि कालाबाजारी के साथ-साथ बिक्रेता द्वारा अधिक मूल्य पर उर्वरकों का बिक्री नहीं कर सके-कृषि मंत्री॥

     वाराणसी। उत्तर प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में गुरुवार को सर्किट हाउस सभागार में खरीफ की तैयारी के सम्बन्ध में विभागीय अधिकारियों एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारियों के साथ समीक्षा बैठक हुई। मंत्री द्वारा वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा करते हुए उल्लिखित दिशा-निर्देश निर्गत किए गए। जिसमें एग्री जंक्शन की स्थापना हेतु 15 जुलाई 2024 तक आवेदन करने की अन्तिम तिथि निर्धारित है। जिसके अन्तर्गत आवेदन प्राप्त हो रहे हैं, उन लाभार्थियों का चयन कर प्रशिक्षण कराते हुए उन्हें उर्वरक, बीज एवं कृषि रक्षा रसायनों के बिक्री हेतु नियमानुसार लाइसेंस निर्गत किया जाए।
 उन्होंने निर्देशत करते हुए कहा कि जनपद वाराणसी एवं चन्दौली में संचालित नमामि गंगे योजनान्तर्गत कृषकों का समय से चयनोपरानत कलस्टर का कार्य एवं प्रशिक्षण दिया जाए, जिसके अन्तर्गत जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाए। मृदा स्वास्थ्य के अन्तर्गत प्राप्त लक्ष्यों के सापेक्ष शत-प्रतिशत नमूनें ग्रहित करते हुए एल-1 एवं एल-2 विश्लेषित कराते हुए कृषकों को अवगत कराया जाए कि कृषको के खेत में कौन-कौन से पोषक तत्वों की कमी है, ताकि कृषक कम लागत से अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकें। खरीफ-2024 में विभिन्न प्रकार के बीजों यथा-धान, अरहर, उर्द मूंग इत्यादि के आवंटन के सापेक्ष शत-प्रतिशत उठान करते हुए वितरण कराया जाए, ढ़ैचे के बीज की मांग को दृष्टिगत रखते हुए बीज विकास निगम में कृषकों का पंजीकरण कराते हुए ढै़चें के बीजों के उत्पादन हेतु कृषकों को प्रोत्साहित किया जाए ताकि अन्य प्रदेश पर ढै़ंचे के बीज हेतु निर्भर न रहना पड़े। दलहनी फसलों के बीजों यथा-अरहर, उर्द, मूंग आदि के जो मिनीकिट आवंटित है उनका उठान शत-प्रतिशत कराते हुए कृषकों के बीज निःशुल्क वितरण कराया जाए एवं मिलेट्स योजनान्तर्गत मक्का, ज्वार बाजरा, रांगी, सांवा आदि बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित कराते हुए मिलेट्स की खेती को बढ़ावा दिया जाए साथ ही मण्डल में संकर बीजों (हाईब्रीड) यथा धान, मक्का, ज्वार एवं बाजरा का राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर स्टाल लगाकर वितरण कराया जाए। मण्डल में समस्त उर्वरकों की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में है। सभी जिला कृषि अधिकारी अपने-अपने जिले में जिलाधिकारी के निर्देशानुसार संघन चेकिंग करते रहे, ताकि कालाबाजारी के साथ साथ बिक्रेता द्वारा अधिक मूल्य पर उर्वरकों का बिक्री नहीं कर सके। मण्डल स्तर पर स्थापित राजकीय नलकूप किन्हीं न किंही कारणों से जो खराब हैं उसे तत्काल ठीक कराकर चालू कराएं। फार्मर रजिस्ट्री का कार्य 8 जुलाई, 2024 को अभियान के तहत कराया जाएगा उसी के अन्तर्गत प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनान्तर्गत जिन जनपदों में आधार फीडिंग एवं ई-के0वाई0सी0 का कार्य अवशेष है उसे भी पूर्ण कराया जाए। साथ ही के0सी0सी0 एवं फसली ऋण का वितरण बढ़ाया जाए एवं जिन कृषकों द्वारा बैंकों से लोन लिया गया है उसे गोष्ठियों एवं किसान पाठशाला के माध्यम से प्रचारित करें कि यदि समय से बैंक का लोन जमा कर दिया जाएगा, तो कृषकों 4 प्रतिशत व्याज दर पर देय है। मण्डल में सोलर सिंचाई पम्प स्थापना हेतु प्राप्त लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत पूर्ति कराया जाए मण्डल/जनपद में सर्विस सेंटर स्थापित कराएं जाने हेतु आश्वासन दिया गया। मण्डल में आर0के0वी0वाई0, पं0दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना, आर0ए0डी0 एवं डब्ल्यू0डी0सी0 योजनान्र्तगत प्राप्त लक्ष्यों के सापेक्ष शत-प्रतिशत पूर्ति नियमानुसार कराए जाने तथा उप निदेशक (भू0सं) अधिकारी, वाराणसी मण्डल को निर्देशित किया गया कि मण्डल के जनपदों/ईकाइयों का स्थलीय निरीक्षण करें तथा जिन जनपदों में अभी तक जिला समिति की बैठक नहीं करायी गयी है उसे तत्काल कराना सुनिश्चित करें। हर विकास खण्डों में मौसम सूचक यंत्र तथा हर ग्राम पंचायत स्तर पर ओटोमैटिक वाटर सैट लगाए जाएंगे। साथ ही उप कृषि निदेशक/जिला कृषि अधिकारियों से अपेक्षा की गयी कि अपने अपने जनपद नए फार्म के विस्तार हेतु 10 से 20 हे0 ऊसर या खाली पड़ी भूमि की सूचना जिलाधिकारी के माध्यम से उपलब्ध कराए ताकि नए फार्मों का विस्तार कर गुणवत्तायुक्त बीजों का उत्पादन कराया जा सके। 
  बैठक में उप कृषि निदेशक (कृ0र0/भू0सं0/शोध), उप कृषि निदेशक, वाराणसी, गाजीपुर, चन्दौली, जिला कृषि अधिकारी, कृषि रक्षा अधिकारी, वाराणसी, जौनपुर, भूमि संरक्षण अधिकारी, वाराणसी मण्डल, वाराणसी, उर्वरक विश्लेषक, मृदा सर्वेक्षण अधिकारी, वाराणसी, सहायक निदेशक (कृ0र0), आई0पी0एम0 प्रयोगशाला, सहायक निदेशक, (मृदा परीक्षण/कल्चर) क्षेत्रीय भूमि परीक्षण प्रयोगशाला, वाराणसी एवं उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी, जौनपुर उपस्थित रहे।

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